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ब्रिटेन के एक चिड़ियाघर में एक ऐसे गैंडे ने जन्म लिया है जिसको लेकर वैज्ञानिक भी हैरान हैं। यहां पर एक सफेद गैंडे ने जन्म लिया है जिसे 'लिटिल मिरेकल' यानी 'छोटा-सा चमत्कार' कहा जा रहा है। हाल ही में दक्षिणी वाइट राइनो का जन्म लोएस्टॉफ्ट के पास अफ्रीका अलाइव चिड़ियाघर में हुआ है। इसकी मां नजीरी की उम्र 9 साल और पिता जिम्बा की उम्र 13 साल है। इस चिड़ियाघर में पहली बार किसी पशु का जन्म हुआ है। चिड़ियाघर का संचालन जूलॉजिकल सोसायटी ऑफ ईस्ट एंग्लिया (ZSEA) करती है जो इस प्रजाति के यूरोपियन ब्रीडिंग प्रोग्राम का हिस्सा है।
ब्रिटेन के इस चिड़ियाघर में चार दक्षिणी सफेद गैंडे मौजूद हैं। इस गैंडे को 'चमत्कार' इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि एक वक्त पर यह प्रजाति विलुप्ति की कगार पर पहुंच गई थी। 1990 के दशक में इस प्रजाति के दुनिया में सिर्फ 50 से 100 सफेद गैंडें ही बचे थे। संरक्षण के सफल प्रयासों के चलते इसकी आबादी में बढ़ोत्तरी हुई और आज इनकी संख्या 18,000 तक पहुंच गई है। हालांकि अवैध शिकार के चलते इन्हें जंगल में 'खतरे के करीब' श्रेणी के जानवरों में गिना जाता है।
ZSEA की सीईओ क्लाउडिया रॉबर्ट्स ने कहा कि इस प्रजाति के संरक्षण की दिशा में यह बेहद उत्साहजनक कदम है। हम अफ्रीका अलाइव में अपने पहले वाइट राइनो के जन्म से बहुत खुश हैं। अफ्रीका अलाइव के अधिकारी ग्रीम विलियमसन ने कहा कि इस गैंडे का जन्म वाकई एक चमत्कार है। नजीरी और उसका बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ हैं लेकिन चूंकि नजीरी पहली बार मां बनी है इसलिए हम लगातार उस पर करीब से नजर बनाए हुए हैं।
अभी इस सफेद गैंडे का कोई नाम नहीं रखा गया है और इसके रखवालों को यह भी नहीं पता है कि यह नर है या मादा। इस प्रजाति के नवजात गैंडों का वजन जन्म के समय आमतौर पर 40 से 60 किग्रा के बीच था। यह जन्म के सिर्फ एक घंटे बाद ही खड़े होने में सक्षम होते हैं और तुरंत बाद दूध पीने का प्रयास करने लगते हैं। विलियमसन ने बताया कि गर्भवती मादा गैंडे को प्रसव के पहले उसके समूह से अलग रखा जाता है जो बच्चे को जन्म देने के कुछ दिनों बाद तक अलग रहती है।
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