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धरती पर मौजूद नर्क के कुंए में लोग पहुंच चुके हैं। यह नर्क का कुंआ यमन में है जहां पहली बार कुछ खोजकर्ता अंदर गए थे। इस खतरनाक कुएं के अंदर उन्हें ढेर सारे सांपों का झुंड और झरने मिले हैं। इस सिंकहोल यानी जमीन के गड्ढे को 'जिन्नों का जेल' और 'पाताल का रास्ता' के नाम से भी जाना जाता है। इसका आधिकारिक नाम बारहौत का कुआं है। यह कुआं 367 फीट गहराई वाला है। स्थानीय लोग इस जगह के आसपास भी जाने से डरते रहे हैं क्योंकि वो इसें जिन्नों का जेल और पाताल का रास्ता मानते थे।
बारहौत का कुआं के गड्ढे का मुंह 98 फीट चौड़ा है। यह खतरनाक कुंआ पूर्वी यमन के अल-माहरा प्रांत के रेगिस्तान में ओमान की सीमा के पास स्थित है। ओमान के इन खोजकर्ताओं से पहले कभी कोई इस गड्ढे के अंदर नहीं गया था। ओमानी केव्स एक्सप्लोरेशन टीम (OCET) के 10 खोजकर्ता में से 8 बारहौत के कुएं में जब अंदर गए तो उन्होंने देखा कि अंदर कई झरने हैं। इसके अलावा वहां पर सांपों के कई झुंड रहते हैं।
इस घटना को देखने के लिए स्थानीय लोग डर की वजह से बाहर ही खड़े रहे। इस टीम के सदस्य और जर्मन यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी के जियोलॉजी प्रोफेसर मोहम्मद अल-किंडी ने बताया कि हमें जानने की ललक थी, इसलिए हम इसके अंदर गए। इसके साथ हमें यमन के इतिहास से जुड़ी जानकारियों का भी पता चलेगा।
खोजकर्ताओं के अनुसार गड्ढे में झरने, सांप, मृत जानवर, स्टेलैगमाइट्स और मोती मिले हैं। हालांकि गड्ढे के अंदर एक भी जिन्न या पाताल का रास्ता नहीं मिला। बारहौत के कुएं की सही उम्र का अभी तक पता नहीं चल पाया है कि ये कितना पुराना है। लेकिन यह माना जा रहा है कि इसकी उम्र लाखों साल की होगी। मोहम्मद अल-किंडी ने बताया कि स्थानीय लोग ये मानते हैं कि गड्ढे के पास जाने पर यह लोगों को अंदर खींच लेता है। इसलिए डर से कोई इसके आसपास भी नहीं जाता। वैज्ञानिक तौर पर इसके कोई सबूत नहीं मिले कि यह अंदर खींचता है।
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