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मध्य प्रदेश के दमोह जिले में अच्छी बारिश के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में परंपरागत टोटकाओं का दौर शुरू हो गया है। ग्रामीण क्षेत्र के लोगों में यह अंधविश्वास गहरे पैठा हुआ है कि मासूम बच्चियों को निर्वस्त्र कर गांव में घुमाने से बारिश होती है। इसी अंधविश्वास से घिरी महिलाओं ने कुछ बच्चियों के कपड़े उतरवाए, गीत गाए और गांव में बच्चियों को घुमाया।
यह मामला दमोह जिले की जबेरा तहसील के अंतर्गत बनिया गांव का है। यहां धान की फसल सूखने पर पहले तो गांव की महिलाएं एकत्रित हुईं। फिर उसके बाद में उन्होंने मूसल पर मेंढक को रस्सी से बांधकर उल्टा टांगा और अपने घरों की करीब छह छोटी-छोटी बच्चियों के कपड़े उतरवाए। फिर जिस मूसल पर मेंढकी को टांगा गया था, उसे बच्चियों के कंधे पर रख दिया गया और बच्चियों को पूरे गांव में घुमाया।
जब महिलाओं से पूछा गया कि ऐसा क्यों किया जा रहा है, उन महिलाओं का कहना था कि ऐसा करने से अच्छी बारिश होती है। आज के आधुनिक युग में इस तरह के पारंपरिक टोटकाओं का सामने आना समाज के लिए बड़ी चुनौती है और ऐसी चुनौतियों से निजात पाना आज भी आसान दिखाई नहीं देता। इस मामले में दमोह के पुलिस अधीक्षक डीआर तेनिवार का कहना है कि संबंधित मामले की जांच कराई जा रही है और रिपोर्ट आने पर कार्रवाई की जाएगी।
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