दुनिया में कलयुग वाकई में चरम पर चल रह है। यह इस बात का सबूत है कि एक मां अपने बच्चों के साथ कितनी खौफनाक काम कर जाती है, जिसके आए दिन खबर सुनने को मिलती है। इसी तरह से हाल ही में एक और कलयुगी मां की खबर सामने आई है जिससे सुनने पर पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई जाए। ये भयानक मामला फ्रांस में 1876 में हुआ था। जो आजकर सुर्खियों में बना हुआ है। फ्रांस की रहने वाली ब्लैंक मोनियर नाम की 25 साल की महिला अपनी खूबसूरती के लिए काफी मशहूर थीं। पिता की मौत के बाद वह मां के साथ रहती थी।


उनकी मां मैडम मोनियर अपनी बेटी की शादी के भरोसे ही थीं। वो चाहती थीं कि वो अपनी बेटी की शादी किसी अमीर घराने में करेंष लेकिन ब्लैंक किसी ओर लड़के से प्यार करने लगी। जो कि मोनियर को बिल्कुल पसंद नहीं था। जब ब्लैंक की मां ने उसे बताया मां ने गुस्से में आकर ब्लैंक एक बिना रोशनी वाले और हवा वाले कमरे में बंद कर दिया। जब ब्लैंक ने चीखना शुरू किया तो आसपास के लोग सवाल करने लगे। तब महिला की मां ने सबसे बोल दिया कि उनकी बेटी पागल हो चुकी है इसलिए उन्होंने उसे कमरे में बंद कर दिया है।


कुछ वक्त बाद जब ब्लैंक कमजोर होती गईं तो उनकी मां ने सबसे झूठ बोला कि ब्लैंक की मौत हो गई है और इसके बाद उन्होंने बेटी का नकली अंतिम संस्कार भी करवा दिया। धीरे-धीरे ब्लैंक की तबीयत बिगड़ती गई और वो कमजोर होती गईं। ब्लैंक को उसी अंधेरे कमरे में मल-मूत्र त्यागना पड़ता था और रहना पड़ता था। एक भी खिड़की ना होने के कारण कमरे में सूरज की रोशनी भी नहीं आती थी जिसके चलते ब्लैंक का शरीर सूखता जा रहा था। कमरे में चूहे और कीड़े-मकोड़े घूमने लगे थे जो खाने के लिए उनका ही खाना और उनके शरीर को नोचने लगे थे।


25 सालों में वो इतनी कमजोर हो गई थीं कि उनका वजन महज 25 किलो ही रह गया था और धीरे-धीरे वो सच में पागल हो गईं थी। ब्लैंक, जो रोशनी में आंखें भी नहीं खोल पा रही थी, तुरंत अस्पताल ले जाया गया। 50 साल की उम्र में उन्हें सुरक्षित तो बचा लिया गया मगर इलाज के बाद उन्हें पागलखाने भेज दिया गया। ब्लैंक 16 साल और जिंदा रहीं और 1913 में पागलखाने में ही उनकी मौत हो गई। दूसरी ओर उनकी मां को जेल हुई और जेल में 15 दिन के ही अंदर उनकी मौत हो गई। उनका बेटा, जो एक वकील था, कई तरह के पैंतरे लगाने में कामयाब रहा और सजा से बच निकला।