अगर किसी इंसान या जानवर का सर काट दिया जाए तो क्या वह जिंदा रह सकता है। आपका जवाब होगा नहीं, लेकिन इस खबर में हम आपको एक ऐसे मुर्गे की कहानी बताने जा रहे हैं, जिसका सर कटने के बाद भी वह करीब 18 महीने तक जिंदा रहा। उस समय बिना सिर के किसी मुर्गे को देखकर लोग चौंक जाते थे।

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यह घटना अमरीका के कोलाराडो के फ्रूटा की है। यहां किसान लॉयड ओल्सेन का अपना मुर्गी फ्रॉर्म था, जहां वे मुर्गे काटने का काम करते थे। एक दिन उन्होंने साढ़े पांच महीने के माइक नाम के मुर्गे का सिर काट दिया। इसके बाद भी वह मुर्गा नहीं मरा और तेजी से दौड़ने लगा। हालांकि लॉयड ने मुर्गे को पकड़कर बक्से में बंद कर दिया। अगले दिन जब उन्होंने बक्सा खोला था तो हैरान रह गए। दरअसल मुर्गा अभी तक जिंदा था। 

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इसके बाद सिरकटे मुर्गे की खबर तेजी से फैलने लगी। इस सिरकटे मुर्गे को मिरेकल माइक का नाम दिया गया। साल्ट लेक सिटी में स्थित यूटा विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने इस पर रिसर्च भी शुरु कर दी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार,सिरकटे माइक को ड्रॉप से जूस वगैरह दिया जाता था और उसकी भोजन नली को सीरिंज से साफ किया जाता था, ताकि उसका दम न घुट सके। इसके 18 महीने के बाद सिरकटे मुर्गे की मौत हो गई। दरअसल लॉयड ने उसे ज्यूस देने के बाद भोजन की नली को साफ नहीं किया, जिससे दम घुटने के कारण सिरकटे मुर्गे ने दुनिया को अलविदा कह दिया। कहते हैं कि 'मिरेकल माइक' की ख्याति इतनी बड़ी कि लॉयड ओल्सेन ने उसे देखने के लिए भी टिकट लगा दिया था। उस जमाने में वह माइक को देखने आने वाले दर्शकों से 4500 डॉलर हर महीने कमाते थे। आज के हिसाब से ये 4500 डॉलर करीब तीन लाख 20 हजार रुपये के बराबर हैं। एक्सपर्ट का कहना था कि मुर्गे का पूरा सिर उसकी आंखों के कंकाल के पीछे एक छोटे से हिस्से में स्थित होता है। रिपोर्ट्स के हिसाब से माइक की चोंच, चेहरा और आंखें निकल गई थीं, लेकिन स्मल्डर्स का अनुमान था कि माइक के मस्तिष्क का 80 फीसदी हिस्सा बचा रह गया था, जिससे माइक का शरीर, धड़कन, सांस, भूख और पाचन तंत्र काम कर रहा था।