
अंडर 20 वल्र्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप की 400 मीटर दौड़ में गोल्ड मेडल जीतने वाली हिमा दास की एक बात ने प्रधानमंत्री मोदी का दिल छू लिया। प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को खुद इसका जिक्र किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को रेस से जुड़ा वीडियो पोस्ट कर लिखा, हिमा की जीत के कभी न भूलने वाले पल। जीतने के बाद जिस तरीके से वह तिरंगे को खोज रही थीं और फिर राष्ट्रगान के वक्त उनका भावुक होना मेरे दिल को छू गया। इस वीडियो को देखकर कौन ऐसा भारतीय होगा जिसकी आंखों में खुशी के आंसू नहीं होंगे। आपको बता दें कि हिमा को बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है। राजनेता, क्रिकेटर, अभिनेता सब हिमा की तारीफ कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को हिमा को बधाई देते हुए लिखा था, भारत को ऐथलीट हिमा दास पर गर्व है,जिन्होंने विश्व अंजर 20 चैंपियनशिप में ऐतिहाकि स्वर्ण पदक जीता। बधाई हो। इस उपलब्धि से आने वाले समय में युवा खिलाडिय़ों को प्रेरणा मिलेगी। इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को वीडियो शेयर करते हुए हिमा दास को बधाई दी थी। उन्होंने लिखा था, मैं उनकी उपलब्धि को सलाम करता हूं और इस ऐतिहासिक जीत पर उन्हें बधाई देता हूं। महज 18 साल की हिमा ने अंडर 20 वल्र्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप की 400 मीटर दौड़ में गोल्ड मेडल जीता है।
वह महिला और पुरुष दोनों ही वर्गों में ट्रैक इवेंट में गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला भी बन गई हैं। हिमा ने महज दो साल पहले ही रेसिंग ट्रैक पर कदम रखा था। उससे पहले उन्हें अच्छे जूते भी नसीब नहीं थे। परिवार के 6 बच्चों में सबसे छोटी हिमा पहले लड़कों के साथ पिता के धान के खेतों में फुटबॉल खेलती थीं। सस्ते स्पाइक्स पहनकर जब इंटर डिस्ट्रिक्ट की 100 और 200 मीटर रेस में हिमा ने गोल्ड जीता तो कोच निपुन दास भी हैरान रह गए। वह हिमा को गांव से 140 किलोमीटर दूर गुवाहाटी ले आए, जहां उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्टैंडर्स के स्पाइक्स पहनने को मिले।
इसके बाद हिमा ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। हिमा का जन्म असम के नौगांव जिले के छोटे से गांव कांदुलिमारी के किसान परिवार में हुआ। हिमा के पिता रंजीत दास के पास महज दो बीघा जमीन है जबकि मां जुनाली घरेलू महिला हैं। जमीन का यह छोटा सा टुकड़ा ही दास परिवार के 6 सदस्यों की रोजी रोटी का जरिया है। रंजीत दास ने बताया कि मेडल जीतने के बाद हिमा ने उन्हें फोन करके कहा कि जब आप लोग सो रहे थे, तब मैंने इतिहास रच दिया।
इस पर हम लोगों ने उसे बताया कि कोई नहीं सोया था और सब लगकर टीवी पर उसकी रेस ही देख रहे थे। यह सुनकर हिमा भावुक हो गईं और रोने लगी। 52 साल के रंजीत बताते हैं कि वह अपनी बेटी का साहस देखकर हैरान रह जाते थे। उन्होंने कहा, वह बिल्कुल पर्वत की तरह सख्त है। मुझे गांव से बाहर उसे अकेले ट्रेन में भेजने में डर लगता था लेकिन वह कहती थी चिंता मत करो। इसे देखकर मुझे प्रेरणा मिलती थी।
Unforgettable moments from @HimaDas8’s victory.
— Narendra Modi (@narendramodi) 14 July 2018
Seeing her passionately search for the Tricolour immediately after winning and getting emotional while singing the National Anthem touched me deeply. I was extremely moved.
Which Indian won’t have tears of joy seeing this! pic.twitter.com/8mG9xmEuuM
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