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भारत में कोरोना वायरस महामारी के बीच झारखंड की राजधानी रांची में सूरज के चारों ओर अनोखी रिंग दिखी है जो किसी कोरोना जैसी है। यह वाकया आज सुबह लगभाग 11 बजे का है जब आसमान में यह अनोखा नजारा देखने को मिला। लोग उस समय अचानक हैरत में पड़ गए जब उन्होंने आसमान में सूर्य के चारों तरफ एक अनोखा गोलाकार रिंग देखा। सूर्य के चारों तरफ ऐसा लग रहा था जैसे किसी ने आसमान में बड़ा गोला बना दिया हो और सूर्य को उसमें कैद कर दिया हो।
सोशल मीडिया पर तस्वीर वायरल होते ही लोग इस अद्भुत नजारे को देखने अपने छतों पर पहुंच गए, जिसके बाद लोगों ने सोशल मीडिया पर और तस्वीरें शेयर की। इस खगोलीय घटना ने लोगों का ध्यान थोड़ा देर के लिए अपनी ओर आकर्षित किया। यह नजारा लोगों के बीच कौतूहल का विषय बना गया।
मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक अभिषेक आनंद ने बताया कि सूर्य के चारों ओर एक लाल और एक नीला रिंग देखा गया। खगोल विज्ञान में इसे ’’22 डिग्री सर्कुलर हलो’ कहते हैं ऐसा तब होता है जब सूर्य या चंद्रमा की किरणें बादलों में मौजूद षट्कोणीय बर्फ क्रिस्टलों से अपवर्तित हो जाती हैं। सूर्य के चारों ओर सतरंगी घेरा देखा गया। जिसे वैज्ञानिक भाषा में ’हलो’ कहा जाता है।
इसका मुख्य कारण आइस क्रिस्टल पर सूर्य की रोशनी का परावर्तन होना है। आइस क्रिस्टल ऊपरी वायुमंडल में धरती से पांच से दस किमी ऊपर संस्पेंडेड फॉर्म यानी लटकी हुई अवस्था में रहते हैं। यह घटना मार्च और अप्रैल के महीने में ज्यादा होती है। यह बारिश होने की ओर इशारा करती है।
अगर सूर्य या चंद्रमा के इर्द.गिर्द रिंग दिखता है तो माना जाता है कि बरसात होने वाली है। इसका यह भी अर्थ है कि यह रिंग हमेशा आधी या तूफान से पहले या बाद में दिखाई पड़ता है। वैसे आमतौर पर यह 22 डिग्री पर ही बनता है इसलिए इसे ’’22 डिग्री सर्कुलर हलो’ भी कहते हैं।
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