
भारत ने चीन से लगी सीमा रेखा के पास अपने सबसे लंबे सड़क और रेलवे पुल 'बोगीबील' को खोल दिया गया है। रक्षा की दृष्टि से अहम इस पुल पर सोमवार से परिचालन शुरू हो गया है। यह पुल भारत का सबसे लंबा रेलवे-सड़क पुल है। इसे बनने में पूरे 17 साल का वक्त लगा है। पुल की लंबाई 4.94 किमी और ऊंचाई 32 मी. है। केद्रीय रेल मंत्री पियूष गोयल ने अपने ट्विटर अकाउंट पर एक वीडियाे शेयर करके इसकी जानकारी दी। वीडियो 1:36 मिनट का है, जिसमें मालगाड़ी को पुल से गुजरते हुए देखा जा सकता है।
Historic Day for Railways: In a milestone event, the 1st freight train ran on Bogibeel Bridge, India's longest road-cum-rail bridge with a phenomenal stretch of 4.94 kilometres, connecting Assam with Arunachal Pradesh & opening the doors to enhanced connectivity in the North-East pic.twitter.com/bH97RODDSf
— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) December 2, 2018
बता दें कि पुल को सफल परीक्षण 20 सितंबर को ट्रेन चलाकर किया गया था। यह पुल ब्रह्मपुत्र नदी से 32 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह पुल स्वीडन और डेनमार्क की तकनीक से बनाया गया है। खास बात यह है कि इस पर न केवल ट्रेन चलेगी बल्कि इसपर गाड़ियां और ट्रक भी दौड़ सकेंगे।
पुल असम के डिब्रूगढ़ को अरुणाचल प्रदेश के पासीघाट से जोड़ेगा। यह भारत का सबसे लंबा तथा एशिया का दूसरा सबसे लंबा पुल है। 21 अप्रैल 2002 में बनने शुरू हुए इस पुल के ऊपर तीन लाइन की सड़क है और नीचे दोहरी रेल लाइन है। सरकार के लिए यह ब्रिज पूर्वोत्तर में विकास का प्रतीक है और साथ ही तेजपुर से आपूर्ति प्राप्त करने के लिए चीन सीमा पर स्थित सशस्त्र बलों के रणनीतिक कदमों को सुलझाने के अहम रणनीति का हिस्सा भी है।
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