बिहार के श्रम संसाधन मंत्री जीवेश मिश्रा (Bihar's Labor Resources Minister Jivesh Mishra) विधानसभा परिसर में अपनी (stopping his car in the assembly premises) गाड़ी रोकने पर बिफर पड़े। उन्होंने कहा कि डीएम एसपी की गाड़ी चली जाती है लेकिन मंत्री की गाड़ी को रोक देते हो। उन्होंने सवालिया लहजे में पूछा कि अधिकारी बड़े या मंत्री? उन्होंने चेतावनी दी कि पदाधिकारी का निलंबन होगा तभी सदन में भाग लूंगा। 

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Minister Jivesh Kumar ने कहा कि मेरी गाड़ी को रोककर डीएम-एसपी को पास दिया गया। सदन में भी उन्होंने अपनी बेइज्जती का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि जब वह सदन आ रहे थे तब उनकी गाड़ी को रोक कर एसपी-डीएम की गाड़ी को पास दिया गया। इससे नाराज मंत्री ने सदन में पूछा कि सरकार बताएं कि सरकार बड़ा या डीएम-एसपी। मंत्री के हमलावर होने पर विपक्ष भी उनके समर्थन में मंत्रीजी को न्याय दो का नारा लगाने लगे।

इससे पहले बीजेपी एमएलए नीतीश मिश्रा ने ही निशाना साध दिया था। कहा कि सरकार पर निशाना साधा और ग्रामीण विकास विभाग के उद्घाटन शिलान्यास में विधायकों को नहीं बुलाने और काम की जानकारी नहीं देने का आरोप सदन में लगाया। 

डीएम-एसपी को तुरंत सस्पेंड करें

सदन में आक्रामक दिख रहे जीवेश कुमार ने कहा कि सरकार आज क्लीयर करे मंत्री बड़ा है या डीएम-एसपी। कहा कि सदन आते समय मेरी गाड़ी को रोक दिया गया। पूछने पर बताया गया कि एसपी-डीएम जा रहे हैं इसलिए आप नहीं जा सकते। मंत्री ने कहा ये तो हद हो गई। डीएम-एसपी को तुरंत सस्पेंड किया जाना चाहिए.

मंत्री जी को न्याय दो, के लगे नारे

मंत्री के अपने सरकार पर हमलावर होने के बाद विपक्ष भी उनके साथ आ गया और हंगामा करने लगे। इसके बाद विपक्षी विधायक मंत्री के समर्थन में आ गये। राजद समेत सभी विपक्षी सदस्य वेल में पहुंचकर मंत्री जी न्याय दो का नारा बुलंद करने लगे। विपक्षी विधायकों ने कहा कि मंत्री जी को हर हाल में न्याय मिलनी चाहिए। भाकपा माले विधायक दल के नेता ने सरकार पर तंज किया और कहा कि विधायक की पिटाई तो हो ही गई अब मंत्रियों की पिटाई बच गई है।

विधायकों की प्रतिष्ठा सबसे बड़ी

शोर-गुल कर रहे सदस्यों से अध्यक्ष ने कहा कि मंत्री जी को जरूर न्याय मिलेगा। अध्यक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि विधायकों की प्रतिष्ठा सबसे बड़ी है। सरकार की तरफ से ससंदीय कार्य मंत्री सदन में इसका जवाब दें। इसके बाद माममले में जवाब देने आए संसदीय कार्य मंत्री ने कहा विधानसभा परिसर में यह वाकया हुआ है। ऐसे में पूरा अधिकार विधानसभा अध्यक्ष का है। आसन जो निर्णय ले सरकार इस पर तैयार है।