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त्रिपुरा में विपक्षी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नेता की हत्या के मामले में पार्टी कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया और राज्य को पंगु बनाने की धमकी दी। माकपा नेताओं ने कहा कि जब तक कि पुलिस उनके नेता की हत्या के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करती, तब तक वह प्रदर्शन करते रहेंगे।
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माकपा ने आरोप लगाया कि गोमती जिले के अमरपुर के चेलगंग सुभाष कॉलोनी के निवासी उनके युवा नेता तापस रॉय (26) द्वारा काली पूजा आयोजित करने के लिए बड़ी राशि का भुगतान करने से इनकार करने पर भाजपा गुंडों ने पहले उसके घर पर तोड़फोड़ की और उसके बाद तापस रॉय और उनकी मां को बेरहमी से पीटा। पुलिस ने दोनों को बचा लिया और स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया। तापस की हालत गंभीर होने पर अगरतला सरकारी मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया, जहां उसकी मौत हो गई। उन्होंने आरोप लगाया कि पीड़ित परिवार ने गुंडों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की लेकिन कथित तौर पर पुलिस ने अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया है, बल्कि उन्हें गिरफ्तारी से बचाने का प्रयास किया है।
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इस दौरान सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस के बीच हुई हिंसा को लेकर उत्तरी त्रिपुरा के उनाकोटी जिले के अंतर्गत कैलाशहर के सीमावर्ती गांव रंगौती में तनाव जारी रहा, जिसमें कम से कम दो भाजपा कार्यकर्ता घायल हो गए। भाजपा ने आरोप लगाया कि जब उनके कार्यकर्ता रंगौती बाजार में अपनी पार्टी के काम से घर लौट रहे थे, तो कांग्रेस समर्थित बदमाशों ने उन पर धारदार हथियारों से हमला कर दिया और भाजपा कार्यकर्ता मलिक उल्ला, पुलब दत्ता और मातासिर अली को गंभीर रूप से घायल हो गए, लेकिन मातासिर अली लापता हो गया है और अभी तक उसका पता नहीं चला था। दूसरी तरफ कांग्रेस ने भी आरोप लगाया कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने अचानक बाजार में उनके पार्टी कार्यालय भवन पर हमला कर दिया और टीवी और दरवाजों सहित कई महत्वपूर्ण सामानों में तोड़फोड़ की, तो कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हमलावरों के खिलाफ प्रतिरोध किया, जहां दो घायल हो गए।
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