केंद्र द्वारा पेट्रोल-डीजल की जब से कीमतें बढ़ाई है तब देश में के कई तरह की हलचल हो रही है। आम लोग परेशान हो रहे हैं। और पूर्वोत्तर राज्य असम और पश्चिम बंगाल में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी के खिलाफ जोरदार हड़ताल की जा रही है। इसी तरह से पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा में भी बस मालिकों के संघ ने आज से बस हड़ताल का आह्वान किया है। संगठन ने मांग की है कि राज्य सरकार द्वारा बस किराया बढ़ाया गया है तो पेट्रोल-डीजल की कीमतों को कम करें या फिर बस का किराया बढ़ाएं।


बता दें कि त्रिपुरा बस मालिकों का संघ वर्तमान में सत्ताधारी भाजपा के कार्यकर्ता संगठन, बीएमएस के नियंत्रण में है। बस मालिकों ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उन्हें कोरोना वायरस महामारी के दौरान अत्यधिक परेशानी का सामना करना पड़ा था और अब, पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों ने परेशानी बढ़ा दी है। 6 फरवरी को, बस मालिकों के निकाय ने त्रिपुरा सरकार को एक ज्ञापन सौंपकर बस किराया बढ़ाने की मांग की थी। उन्होंने किराया बढ़ाने के लिए सरकार को 15 दिन की समय सीमा निर्धारित की थी।


बस मालिकों ने कहा कि 21 फरवरी को समय सीमा समाप्त होने के बाद, उन्होंने फिर से त्रिपुरा में अपने बस किराए को पूरा करने के लिए सरकार को चार और दिन दिए लेकिन सरकार ने उनकी दलील नहीं सुनी। इसलिए, कोई अन्य विकल्प नहीं होने पर, हमने हड़ताल के लिए जाने का फैसला किया है। बसें त्रिपुरा में अनिश्चितकाल के लिए सड़कों से हट जाएंगी। यात्रियों, जो नियमित रूप से बस से यात्रा करते हैं वह इस निर्णय पर गंभीर चिंता व्यक्त की है।