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सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने त्रिपुरा पुलिस को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया है कि किसी भी राजनीतिक दल को आगामी नगरपालिका चुनावों (municipal elections) के लिए शांतिपूर्ण तरीके से प्रचार करने के अपने अधिकारों का प्रयोग करने से नहीं रोका जाए।
बता दें कि शीर्ष अदालत ने तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) और उसकी राज्यसभा सांसद सुष्मिता देव (MP Sushmita Dev) का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायणन की दलीलें सुनने के बाद अंतरिम आदेश पारित किया है। याचिका में पार्टी सदस्यों के खिलाफ कथित हिंसा का हवाला दिया गया और 25 नवंबर को होने वाले नगर निगम चुनावों के लिए उन्हें बचाने के लिए निर्देश देने की मांग की गई।
जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ (Justices D.Y. Chandrachud), सूर्यकांत और विक्रम नाथ ने कहा कि "हम उम्मीद करते हैं कि राज्य सरकार और DGP द्वारा राज्य की कानून प्रवर्तन मशीनरी के साथ आवश्यक व्यवस्था की जाएगी।"
पीठ ने इस बात को ध्यान में रखा कि याचिकाकर्ताओं ने याचिका में हिंसा (violence) की घटनाओं का हवाला देते हुए एक तालिका तैयार की है, और राज्य के गृह सचिव से स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए उठाए गए कदमों का विवरण भी मांगा है।
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