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पूर्वोत्तर राज्य त्रिपुरा में एक बार फिर मोदी मैजिक चला और भाजपा लगातार दूसरी बार सरकार बनाने जा रही है। 60 सदस्यीय विधानसभा सभा के लिए भाजपा ने स्पष्ट बहुमत हासिल कर लिया है। भारतीय जनता पार्टी के खाते में 32 सीटें आई हैं, जो कि बहुमत से एक सीट ज्यादा है। वहीं त्रिपुरा मोथा पार्टी शानदार प्रदर्शन करते हुए 13 सीटें जीतीं, लेकिन वह किंगमेकर नहीं बन पाई।
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इधर कांग्रेस और लेफ्ट के गठबंधन को तगड़ा झटका लगा है। लेफ्ट के खाते में 11 तो वहीं कांग्रेस के हिस्से में 3 सीटें आई हैं। इंडिजिनस पीपल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा के खाते में एक सीट आई है। विधानसभा चुनाव 2018 में भाजपा ने 36 सीटें जीतीं, जबकि उसके सहयोगी आईपीएफटी ने 18 सीटों पर जीत हासिल की। सीपीएम के नेतृत्व वाला वाम मोर्चा 16 सीटों पर विजयी हुआ, जबकि कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली थी।
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हालांकि राज्य की राजधानी अगरतला सीट पर कांग्रेस को जीत मिली है। अगरतला से पार्टी के उम्मीदवार सुदीप रॉय बर्मन ने 8,162 वोट से जीत हासिल की। कांग्रेस पार्टी के महासचिव जयराम रमेश ने कहा है कि कांग्रेस त्रिपुरा में वाम दलों के साथ वाले गठबंधन को बहुमत मिलने की उम्मीद कर रही थी। साथ ही उन्होंने कहा कि मेघालय में भविष्य को देखते हुए टिकट दिए गए थे। वहीं जीत का प्रमाण पत्र प्राप्त करने पर त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने कहा कि जीतने के बाद ये सर्टिफिकेट मिल रहा है तो बहुत अच्छा लग रहा है। मैं प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, रक्षा मंत्री, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सहित सभी कार्यकर्ताओं को धन्यवाद करता हूं।
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