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त्रिपुरा में एक बार फिर भाजपा सरकार बन रही है। अब तक भाजपा ने 31 सीटें जीत ली हैं, वहीं एक सीट पर वह आगे चल रही है। वहीं, कांग्रेस को इस चुनाव में भी बड़ी हार मिल रही है। कांग्रेस ने 2014 के बाद जिस भी राज्य के चुनाव में वहां की जनाधार वाली पार्टी से हाथ मिलाया है, उस पार्टी की भी कांग्रेस के साथ नैया डूबी है। त्रिपुरा चुनाव के हालिया रुझान भी इस कहानी को बता रहे हैं।
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त्रिपुरा चुनाव के रुझानों में जहां एक ओर भाजपा को स्पष्ट बहुमत मिलता दिखाई दे रहा है तो वहीं लेफ्ट और कांग्रेस के गठबंधन को बुरी हार मिलती दिख रही है। पिछली बार 16 सीट जीतने वाली लेफ्ट इस बार कांग्रेस के साथ गठबंधन करने के बाद भी कुल 14 सीटें लाती दिख रही है। लेफ्ट फिलहाल 11 तो कांग्रेस 3 सीटों पर आगे है। ऐसा ही कुछ पश्चिम बंगाल में 2021 में हुए विधानसभा चुनाव में हुआ था। यहां भी लेफ्ट और कांग्रेस ने एक साथ चुनाव लड़ा था। ममता बनर्जी और भाजपा को हराने के लिए एक साथ आए कांग्रेस और लेफ्ट को वहां भी मतदाताओं ने झटका दिया था। यहां तक की कांग्रेस गठबंधन का वहां खाता तक नहीं खुला था। ममता की पार्टी टीएमसी को जहां 294 में से 219 सीटें मिली थीं तो वहीं भाजपा 70 सीटों के साथ दूसरी बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी।
यूपी के 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और सपा ने गठबंधन कर चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में भी कांग्रेस के साथ सपा की नैया डूबी थी। कांग्रेस ने सपा के साथ मिलकर ये चुनाव ये कहते हुए लड़ा था कि इस बार प्रदेश में दो लड़कों की जोड़ी जीतेगी। दरअसल, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सपा नेता अखिलेश यादव की जोड़ी को लेकर ये नारा दिया गया था।
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