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राजधानी अगरतला से 47 किलोमीटर की दूरी पर भीड़ से दूर, तपनिया इको-पार्क पर्यटकों के लिए एक एडवेंचरस डेस्टिनेशन बन गया है। तपनिया इको-पार्क के जंगल के बीच, लॉग हट्स पर्यटकों को आकर्षित कर रहे हैं, जो ‘मदर नेचर’ के पास रहना चाहते हैं। इन लॉग हट्स का निर्माण त्रिपुरा पर्यटन विकास निगम (TTDCL) द्वारा किया गया है। झोपड़ियां प्राकृतिक वातावरण के बीच बनी हैं और ये पूरी तरह से सभी आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित हैं।
कोविड -19 लॉकडाउन के दौरान महीनों तक बंद रहने के बाद, इन लॉग हट्स को फिर से पर्यटकों के लिए खोल दिया गया है। इन झोपड़ियों में रहने के लिए आने वाले पर्यटक कमरों में भोजन कर सकते हैं या वो रेस्टोरेंट्स में भी भोजन कर सकते हैं।
इस वर्ष की शुरुआत में झोपड़ियों के उद्घाटन के कुछ दिनों बाद ही उन्हें कोविड -19 महामारी की वजह से बंद करना पड़ा था, लेकिन अब छह महीने से अधिक समय के बाद, लॉग झोपड़ियों के दरवाजे फिर से खुल गए हैं और पर्यटकों को रहने का अनुभव कराने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। ये बेहद शांत वातावरण को ध्यान में रखकर तैयार की गई हैं। पर्यटक आमतौर पर दोपहर में अपने परिवार और दोस्तों के साथ शाम का आनंद लेने के लिए यहां पहुंचते हैं।
त्रिपुरा के पर्यटन मंत्री, प्राणजीत सिंह रॉय ने कहा, “सरकार ने एडवेंचर टूरिज्म के लिए कई स्थानों को विकसित किया है। त्रिपुरा जल्द ही एक पर्यटन स्थल बन जाएगा। ये राज्य के राजस्व में वृद्धि करेगा और बेरोजगार युवाओं को रोजगार भी प्रदान करेगा। यहां कई पर्यटन विकास की परियोजनाएं चल रही हैं। पर्यटन ढांचे और सेवा के विकास से ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी और लोगों को रोजगार मिलेगा। साथ ही त्रिपुरा की आर्थिक वृद्धि और विकास को बढ़ावा मिलेगा।”
इन लॉग झोपड़ियों के लिए पर्यटकों की प्रतिक्रिया को देखते हुए, टीटीडीसीएल कुछ अन्य पर्यटक स्थलों पर इसी तरह की झोपड़ियां स्थापित कर रहा है जिनमें सिपाहीजला रिजर्व फॉरेस्ट और बारामुरा इको-पार्क शामिल हैं। राज्य भर में कुल 38 लॉग हट स्थापित किए जाएंगे और एशियाई विकास बैंक से 500 करोड़ रुपये के ऋण के साथ राज्य सरकार त्रिपुरा को राज्य में पर्यटन को ट्रांसफॉर्म करके क्षेत्र में एक टूरिस्ट हब के रूप में तब्दील करने की कोशिश कर रही है। पर्यटन के विभिन्न नए रूपों समेत–धार्मिक पर्यटन, स्वास्थ्य पर्यटन, चाय पर्यटन और साहसिक पर्यटन पर भी खासा ध्यान दिया जा रहा है।
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