/fit-in/640x480/dnn-upload/images/2021/05/30/s-1622361913.jpg)
कोरोना महामारी के कारण कई बच्चे अनाथ हो गए। कितने ही ऐसे बच्चे हैं जिसने अपने माता पिता को खो दिया। इसी के मद्देनजर त्रिपुरा सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। त्रिपुरा सरकार ने शनिवार को उन सभी बच्चों को मुफ्त शिक्षा प्रदान करने का फैसला किया, जिन्होंने COVID-19 के कारण अपने माता-पिता को खो दिया है।
साथ ही वो बच्चे जो अनाथालयों में नहीं रह रहे है, को राज्य सरकार 18 साल की उम्र तक हर महीने 3,500 रुपये देगी। शनिवार को मुख्यमंत्री बिप्लब देब ने कहा, “त्रिपुरा सरकार COVID-19 के कारण अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों को मुफ्त शिक्षा प्रदान करेगी। वहीं ऐसे बच्चे जो अनाथालयों में नहीं रहते हैं, उन्हें 18 साल की उम्र तक हर महीने 3,500 रुपये दिए जाएंगे।”
वहीं त्रिपुरा के अलावा मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश और दिल्ली सहित कई राज्य COVID-19 के कारण अनाथ हो गए बच्चों की मदद के लिए योजनाएं ला रहे हैं। वहीं इन बच्चों की मदद के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी आगे आए हैं और पीएम केयर फंड से कई योजनाओं का ऐलान किया है। शनिवार को PMO ने कहा है कि पीएम मोदी ने ऐलान किया है कि कोरोना महामारी में अपने परिवार गंवाने वाले बच्चों की ‘पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रेन’ योजना के तहत मदद की जाएगी। इस योजना के तहत अनाथ बच्चों को सरकार की तरफ से मुफ्त शिक्षा मुहैया करवाई जाएगी और उनका हेल्थ बीमा भी किया जाएगा।
वहीं तमिलनाडु सराकर ने फिक्सड डिपोजिट के रूप में हर बच्चे को पांच लाख रुपये देने का फैसला किया है। बच्चों के 18 साल का होने पर ब्याज सहित पूरी रकम उन्हें दी जाएगी। राज्य में कोरोना के कारण अपना परिवार खो देने वाले बच्चों को अनाथालयों और छात्रावासों में प्राथमिकता दी जाएगी। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन का कहना है कि सरकार ऐसे सभी बच्चों का ग्रेजुएशन तक का पढ़ाई का खर्च भी उठाएगी।
वहीं उत्तरप्रदेश ने भी शनिवार को ‘मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना’ की घोषणा की। इस योजना के तहत कोरोना के कारण अनाथ हो चुके बच्चों की देखभाल के लिए राज्य सरकार केयर टेकर या अभिभावक को चार हजार रुपये प्रति माहीने प्रदान करेगी। इसके अलावा दस साल से कम उम्र के बच्चों को राजकीय बाल गृह (शिशु) में रखा जाएगा। ऐसे राजकीय बाल गृह मथुरा, लखनऊ, प्रयागराज, आगरा व रामपुर में संचालित हैं।
फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब पर हमसे जुड़ें |