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तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के वरिष्ठ नेता कुणाल घोष ने बृहस्पतिवार को त्रिपुरा के शाही परिवार के वंशज प्रद्योत किशोर देबबर्मन से मुलाकात कर राज्य के मौजूदा राजनीतिक हालात पर चर्चा की। देबबर्मन ने कहा कि उन्हें किसी भी राजनीतिक दल के नेता से मुलाकात करने से कोई परहेज नहीं है, यदि वह संगठन पृथक तिपरालैंड राज्य की मांग का संवैधानिक समाधान करने में मदद करता है।
देबबर्मन के राजनीतिक संगठन टीआईपीआरए (त्रिपुरा स्वदेशी प्रगतिशील क्षेत्रीय गठबंधन) ने इस साल की शुरुआत में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासित राज्य में हुए आदिवासी परिषद चुनावों में भारी जीत हासिल की थी। टीआईपीआरए के अध्यक्ष ने संवाददाताओं से कहा, ‘हम ग्रेटर तिपरालैंड चाहते हैं। हम किसी भी राजनीतिक दल के साथ बातचीत करने के लिए तैयार हैं - चाहे वह भाजपा, टीएमसी, या मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) हो। यदि, वे हमें हमारी मांग का संवैधानिक समाधान देते हैं। हम एक लिखित आश्वासन चाहते हैं ताकि हम उसे तिपरासा के लोगों को दिखा सकें।’
तिपरालैंड के समर्थक त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद (टीटीएएडीसी) के अधिकार क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों को शामिल कर एक अलग राज्य बनाना चाहते हैं, जोकि त्रिपुरा के क्षेत्र का दो-तिहाई हिस्सा होगा और इसकी आबादी का एक तिहाई होगा। देबबर्मन ने कहा कि उन्होंने तृणमूल की पश्चिम बंगाल इकाई के महासचिव कुणाल घोष से त्रिपुरा के मौजूदा राजनीतिक हालात को लेकर चर्चा की। देबबर्मन ने कहा, ‘मैं कुणाल घोष को कई वर्षों से जानता हूं। वह राज्य की मौजूदा राजनीतिक स्थिति के बारे में जानना चाहते हैं और मेरी उनसे उसी विषय में बातचीत हुयी । हमारे बीच किसी प्रकार के गठबंधन पर कोई चर्चा नहीं हुई।’
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