
बिप्लब देब का इस्तीफा और मणिक साहा को राज्य का नया मुख्यमंत्री बनाना, दोनों की स्क्रीप्ट शुक्रवार को ही लिखी जा चुकी थी। इसलिए केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में भूपेंद्र यादव और विनोद तावड़े आज सुबह ही अगरतला पहुंच चुके थे। बता दें कि मणिक साहा ने दोनों नेताओं का स्वागत करते हुए अपनी तस्वीर सुबह 8 बजे के आस-पास ट्वीट की थी। जबकि बिप्लब ने शनिवार दोपहर को अपना इस्तीफा दिया है।
Welcomed Hon’ble Union Minister Shri @byadavbjp Ji at MBB Airport,today. pic.twitter.com/UXB6nXdqST
— Dr Manik Saha (@DrManikSaha2) May 14, 2022
इससे साफ है कि यह इस्तीफा कोई अचानक नहीं दिया गया। बल्कि प्लानिंग पहले ही हो चुकी थी। बता दें कि बिल्लब के इस्तीफे के बाद 5 बजे डॉ माणिक साहा को औपचारिक रूप से विधायक दल की बैठक के बाद मुख्यमंत्री चुना गया। माणिक राज्य के 11वें मुख्यमंत्री होंगे।
Welcomed National General Secretary of @BJP4India Shri @TawdeVinod Ji and State Prabhari Shri @BJPVinodSonkar Ji at MBB Airport,today. pic.twitter.com/PFWx8cipUw
— Dr Manik Saha (@DrManikSaha2) May 14, 2022
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बिप्लब के इस्तीफे के साथ ही राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार की कमान राज्य में अगले साल होने वाले चुनाव से पहले नए हाथ में सौंपने का रास्ता बन गया है। देब ने कहा कि उन्होंने पार्टी नेतृत्व के निर्देश पर यह कदम उठाया है और पार्टी भविष्य में जो भी जिम्मेदारी देती है उसे वह सहर्ष स्वीकर करेंगे।
श्री @DrManikSaha2 जी को त्रिपुरा भाजपा विधायक दल का नेता चुने जाने की बहुत-बहुत बधाई। मुझे पूर्ण विश्वास है कि आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के मार्गदर्शन और आपके नेतृत्व में त्रिपुरा विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुँचेगा।#Tripura pic.twitter.com/b6qKAKPd5m
— Bhupender Yadav (@byadavbjp) May 14, 2022
देब के इस्तीफे के तुरंत बाद भाजपा ने विधायक दल की बैठक में केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में भूपेंद्र यादव और विनोद तावड़े शामिल हुए। देब (50) मार्च 2018 से त्रिपुरा के मुख्यमंत्री के पद पर थे। वह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के पुराने कार्यकर्ता हैं। उन्हें वर्ष 2016 में त्रिपुरा में भाजपा का काम संभाला था। इससे पहले वह 15 वर्ष तक दिल्ली में रहकर संघ का काम किया था। वह यहां जिम प्रशिक्षक का काम भी करते थे।
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गौरतलब है कि चुनाव से पहले भाजपा अपने चुनाव वाले राज्यों में मुख्यमंत्री का प्रयोग करती रही है। पार्टी ने इससे पहले उत्तराखंड और गुजरात में मुख्यमंत्री बदला था। पार्टी का यह प्रयोग उसके पक्ष में रहा था।
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