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त्रिपुरा में NLFT विद्रोहियों द्वारा लिटन नाथ का अपहरण कर मार डाला, लिटन नाथ की मौत पर त्रिपुरा सरकार ने लिटन नाथ के परिवार को 5 लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया है। उपमुख्यमंत्री जिष्णु देब बरम ने इसकी घोषणा की और कहा कि पीड़ित परिवार को हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी। लिट्टन नाथ (35) पेशे से एक मछली विक्रेता थे और सुदूर चचेर्रा पुलिस स्टेशन के अंतर्गत कटुआ पुल के पास जयरामपारा इलाके के निवासी थे। नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (NLFT) कैडरों ने 27 नवंबर को उनके घर से उनका अपहरण कर लिया था।
प्रतिबंधित संगठन ने उनके परिवार से 1.5 लाख रुपये की फिरौती मांगी थी। पुलिस ने 15 जनवरी को उत्तरी त्रिपुरा जिले के रानीपारा के एक जंगल से लिटन नाथ का शव बरामद किया। बदमाशों ने कथित तौर पर हत्या के बाद शव को जंगल में दफन कर दिया। अपहरण के 47 दिनों के बाद भी पुलिस पीड़ित के ठिकाने का पता लगाने में विफल रही। पुलिस ने चार NLFT कैडरों से पूछताछ करने के बाद नाथ के बारे में जानकारी जुटाने में कामयाबी हासिल की, जिन्हें सिपाहीजला जिले के तखरजाला इलाके से उठाया गया था।
17 जनवरी को लोगों ने नाथ की हत्या की निंदा करने के लिए कंचनपुर शहर में एक मशाल रैली भी आयोजित की। उन्होंने पीड़ितों को चरमपंथियों की कैद से उबारने में पुलिस की विफलता के लिए राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। जिष्णु देब बरम ने कहा कि लिटन की मृत्यु दर्दनाक और दुर्भाग्यपूर्ण है। जीवन को पैसों से नहीं मापा जा सकता है। देब बर्मा ने कहा कि हमारी सरकार पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है और हम उसके परिवार को 5 लाख रुपये का मुआवजा देंगे। डिप्टी सीएम ने यह भी चेतावनी दी कि अगर राज्य में शांति और सद्भाव को बाधित करने का प्रयास किया गया तो सरकार सख्त कार्रवाई करेगी।
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