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त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव हिंसा के दौरान घायल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कार्यकर्ता एवं स्थानीय क्लब के अध्यक्ष का सोमवार सुबह अगरतला सरकारी मेडिकल कॉलेज में निधन होने के बाद स्थिति और अधिक तनावपूर्ण हो गयी है। बड़ी संख्या में भाजपा समर्थकों ने सोमवार को शहर के गोरखाबस्ती इलाके में वीआईपी रोड को जाम कर दिया और 70 वर्षीय भाजपा कार्यकर्ता तपन भौमिक पर हुए हमले के शेष नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की।
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एक पुलिस प्रवक्ता ने कहा, भौमिक पर उसके पड़ोसियों के एक समूह द्वारा बुरी तरह से हमला किया गया था। दो मार्च को सिविल सचिवालय के करीब गोरखबस्ती क्षेत्र में त्रिपुरा विधानसभा के चुनाव परिणामों की घोषणा के बाद विजय जुलूस के दौरान उनके सिर में गंभीर चोटें आई थीं। अस्पताल में उनकी मृत्यु हो गई और जब श्रद्धांजलि देने के लिए पार्थिव शरीर को क्लब में लाया गया तो तनाव और फैल गया। उन्होंने बताया कि घटना के मुख्य आरोपी नारायण देबनाथ और उनके बेटे अतानु देबनाथ को गिरफ्तार कर लिया गया है और अब वे न्यायिक हिरासत में हैं। जांच चल रही है और अगर प्रथम दृष्टया अन्य लोगों की संलिप्तता साबित होती है तो सभी के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा। पीड़ित परिवार ने नौ लोगों के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज कराया है।
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अधिकारियों ने सुबह से ही पूरे इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी है और शांति बनाए रखने के लिए केंद्रीय अर्धसैनिक बल के जवानों को शहर में तैनात किया गया है। कथित तौर पर यह भी कहा जा रहा है कि भौमिक ने दो अन्य लोगों के साथ भाजपा की जीत की घोषणा के एक घंटे बाद नशे की हालत में एक पूर्व सैनिक नारायण देबनाथ के घर पर धावा बोल दिया। उन्होंने कथित तौर पर घर पर हमला किया और परिवार की महिला सदस्यों और एक बच्चे का अपमान किया, जिससे घर के मालिक नारायण देबनाथ नाराज हो गए। उन्होंने अपने बेटे अतानु के साथ हमलावरों के खिलाफ धारदार हथियारों से जवाबी कार्रवाई की। पुलिस ने कहा, अंधाधुंध हमले में, तपन को सिर में गंभीर चोटें आईं, जबकि उसके दो साथी मामूली चोटें खाकर भाग गए। बाद में अन्य पड़ोसियों ने पुलिस की मदद से आरोपी के घर के सामने से उन्हें निकाला और अस्पताल पहुंचाया। आरोपी व्यक्तियों को तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया।
पड़ोसियों के अनुसार, 2021 में अगरतला नगर निगम के चुनाव के दिन, भौमिक और अन्य लोगों ने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) को वोट देने जाने का आरोप लगाते हुए नारायण देबनाथ पर सड़क पर हमला किया। उन्होंने भौमिक और अन्य के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया था, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। बाद में, वह उच्च न्यायालय चले गए जहां से पुलिस को आरोपी को गिरफ्तार करने का आदेश दिया गया था लेकिन आदेश का उल्लंघन किया गया। भाजपा के जीत हासिल करने के बाद भौमिक ने अन्य लोगों के साथ मिलकर कथित रूप से उच्च न्यायालय के आदेश को लागू करने के लिए पुलिस की मदद लेने को लेकर नारायण देबनाथ से बदला लेने का प्रयास किया था। त्रिपुरा में चुनाव परिणामों की घोषणा के बाद हिंसा की लगभग 1300 घटनाएं दर्ज की गई हैं। जहां भाजपा पर सांसदों सहित माकपा और कांग्रेस पर हमला करने का आरोप लगाया गया है, वहीं टीआईपीआरए मोथा ने कुछ स्थानों पर माकपा के साथ मिलकर भाजपा पर हमला किया है। इससे साफ जाहिर है कि राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा समेत विपक्षी माकपा, कांग्रेस और टीआईपीआरए मोथा जैसी क्षेत्रीय पार्टियां भी हिंसा में लिप्त हैं। इसके कारण राज्य की मौजूदा स्थिति तनावपूर्ण मगर नियंत्रण में होने का दावा किया जा रहा है।
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