त्रिपुरा के बर्खास्त टीचर्स अपना आंदोलन खत्म करने का नाम नहीं ले रहे हैं। महीने भर से ज्यादा दिनों से बर्खास्त शिक्षक राज्य सरकार का विरोध कर रहे हैं लेकिन राज्य सरकार किसी भी तरह का कोई एक्शन नहीं ले रही है। हाल ही में अगरतला में शिक्षकों के आंदोलन स्थल से जबरन हटा दिया गया था लेकिन अब शिक्षक तैयारी कर रहे हैं अगरतला में एक और आंदोलनकारी कार्यक्रम शुरू करने की। आंदोलन समाप्त किए गए शिक्षकों ने पुलिस प्रशासन को एक पत्र सौंप कर इस संबंध में अनुमति मांगी है। लेकिन, उनकी अनुमति नहीं मिली।


आंदोलनकारी शिक्षकों के एक नेता कमल देब ने सूचित किया कि वे उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर करेंगे ताकि उनका आंदोलन फिर से शुरू हो सके क्योंकि पुलिस प्रशासन ने उन्हें आंदोलन करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है। उन्होंने यह भी बताया कि वे पश्चिम अगरतला पुलिस स्टेशन गए देब ने बताया कि अगरतला में 27 जनवरी को बर्खास्त शिक्षकों पर हमला करने के लिए पांच पुलिस अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। लेकिन पुलिस ने कथित तौर पर कोई भी मामला दर्ज करने से इनकार कर दिया।


उन्होंने कहा कि प्रशासन ने वॉटर कैनन, आंसू गैस और बैटन-चार्ज बल का इस्तेमाल कर कई शिक्षक घायल किया। अभी कुछ शिक्षक अस्पताल में हैं। बर्खास्त शिक्षक पश्चिम त्रिपुरा के पुलिस अधीक्षक, एसडीपीओ अगरतला, एसडीपीओ अमतली, एसडीपीओ जिरानिया और पश्चिम अगरतला पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी के खिलाफ मामला दर्ज करना चाहते थे। कमल देब वे भी पांचों के खिलाफ त्रिपुरा उच्च न्यायालय का रुख करेंगे। बुद्धिजीवियों, लेखकों, पत्रकारों, प्रोफेसरों और वकीलों सहित नागरिकों के एक समूह ने, समाप्त शिक्षकों पर हमले के खिलाफ अगरतला में एक विरोध रैली निकाली है।