असंतुष्ट  BJP MLA ने कहा कि त्रिपुरा में राजनीतिक हिंसा ने पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की प्रतिष्ठा और विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचाया है और यह उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों में आगामी विधानसभा चुनावों में पार्टी की चुनावी संभावनाओं को प्रभावित कर सकता है।


सत्तारूढ़ भाजपा (BJP) के बागी विधायकों सुदीप रॉय बर्मन (Sudip Roy Barman) और आशीष कुमार साहा ने कहा कि निकाय चुनावों से पहले त्रिपुरा में हालिया राजनीतिक हिंसा में सुप्रीम कोर्ट, त्रिपुरा उच्च न्यायालय और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को हस्तक्षेप करना पड़ा।

बर्मन ने मीडिया से कहा कि "BJP की प्रतिष्ठा और विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचाने वाली राजनीतिक हिंसा के बारे में, हमने रविवार को राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बीएल संतोष और असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा (CM Himanta Biswa Sarma) को विस्तार से अवगत कराया है।"


मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब (CM Biplab Kumar Deb) का नाम लिए बिना, बर्मन ने उन्हें "पैराट्रूपर नेता" करार दिया और कहा कि भाजपा का मंत्र सबका साथ सबका विकास है। उन्होंने कहा कि "अगर त्रिपुरा में बीजेपी सरकार ने 44 महीनों के शासन में विकास किया है, तो चुनाव जीतने के लिए इतनी हिंसा क्यों की गई। लोगों के बीच दुश्मनी पैदा करके कोई भी पार्टी जीवित नहीं रह सकती।"