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पिछले रविवार को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वॉरियर्स की बात करते हुए देश भऱ के किसानों का अभिनंदन किया था। पीएम मोदी ने कहा कि हमारे देश पर इतना बड़ा संकट आया, इसका असर देश की हर एक व्यवस्था पर पड़ा। कृषि-व्यवस्था ने ख़ुद को न सिर्फ इस हमले से काफी हद तक सुरक्षित रखा बल्कि प्रगति भी की, आगे भी बढ़ी! पीएम ने बताया कि इस महामारी में भी हमारे किसानों ने रिकार्ड उत्पादन किया है। इस बार देश ने रिकार्ड फसल खरीदी भी की है। हमारे देश के किसान, कई क्षेत्रों में नई व्यवस्थाओं का लाभ उठाकर कमाल कर रहे हैं। पीएम मोदी ने अगरतला के कटहल से अपनी बात शुरु की।
पीएम ने कहा कि जैसे कि अगरतला के किसानों को ही लीजिए! ये किसान बहुत अच्छे कटहल की पैदावार करते हैं। इनकी मांग देश-विदेश में हो सकती है। इसलिए इस बार अगरतला के किसानों के कटहल रेल के जरिए गुवाहाटी तक लाये गए। गुवाहाटी से अब ये कटहल लंदन भेजे जा रहे हैं। सूदूर पूर्व में स्थित त्रिपुरा के किसानों को राष्ट्रीय मुख्यधारा से जोड़कर उन्हें मुनाफा कमाने का अवसर देने का ही काम तो मोदी सरकार ने किया है।
पूर्वोत्तर के विकास को मोदी सरकार ने अपने विकास की पहचान बनायापूर्वोत्तर के राज्यों की हमेशा से मुश्किल रही कि विकास की मुख्यधारा से वो अलग रहे और सड़क, रेल, विमान सेवा से भी मुश्किल के साथ ही जोडे़ जा सके थे। लेकिन बदलाव शुरू हुआ 2014 में पीएम मोदी के नेतृत्व मे सरकार बनने के बाद। पूर्वोत्तर के विकास को मोदी सरकार ने अपने विकास की पहचान बना लिया। त्रिपुरा में बीजेपी सत्ता में आयी और बिप्लव देव राज्य के पहले गैर कांग्रेसी और गैर वामपंथी सीएम बने तो केन्द्र सरकार ने डबल इंजन विकास का नारा बुलंद करना भी शुरू कर दिया।
त्रिपुरा मे कृषि के विकास की असीम संभावनाएं थीं जिसे भुनाने में बिपल्व सरकार भी आगे आयी और APEDA ने मई 2021 मे अपना पहला पैकेजिंग हाउस खोला ताकि युरोपियन यूनियन को यहां पैक किए गए सामान निर्यात किए जा सकें। APEDA की जिम्मेदारी ही यही है कि पूर्वोत्तर के राज्यों को सामानों का प्रोमोशन कर उसे भारत से निर्यात होने वाले सामानों की लिस्ट में ले आए। इसलिए पूर्वोत्तर के राज्यों के कृषि और प्रोसेस्ड फूड के निर्यात की तरफ एक बडा कदम बढ़ाते हुए 1.2 मीट्रिक टन कटहल यानि जैकफ्रूट को पहली बार त्रिपुरा से लंदन निर्यात किया गया। ये कटहल त्रिपुरा के कृषि सहयोग एग्रो प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड से लेकर APEDA के पैकेजिंग सेंटर से पैक होने के बाद किएगा एक्जिम प्राइवेट लिमिटेड ने निर्यात किए।
महीने भर पहले ही असम से रेड राइस का एक बड़ा कंसाइनमेंट अमरीका भेजा गया है। ये चावल सिर्फ असम की ब्रह्मपुत्र घाटी में पैदा किया जाता है जिसमें कोई भी रासायनिक खाद इस्तेमाल नहीं होता है। चावल की इस किस्म को बाओ-धान कहते है जो असम के लोगों के भोजन का अभिन्न हिस्सा है। APEDA ने इन तमाम कृषि और प्रोसेस्ड खाने की मार्केटिंग और प्रोमोशन का काम कर रही है ताकि इनका दुनिया भर के देशों मे निर्यात हो सके। साथ ही APEDA पूर्वोत्तर के लोगों के कौशल विकास, उन्हें अंतर्राष्ट्रीय बाजार के बारे में जानकारी देना, उच्च स्तर की पैकेजिंग और फैसला लेने के लिए बाजार की समझ होना जैसे स्कील विकसित करने में लगा है।
तभी तो जब इशारों इशारों मे पीएम मोदी ने बताया कि ये किसान नई व्यवस्थाओं का लाभ उठा कर मुनाफा कमा रहे हैं तो जाहिर है जिक्र नए कृषि कानूनों का था जिसमें किसानों को अपनी फसल तय करने और ज्यादा पैसे देने वाले खरीददारों को बेचने की बात की गयी है। साथ ही इ मंडियां जो किसानों को बिचोलियों और व्यापारियों से बचाती हैं। इसका ही लाभ पूर्वोत्तर के राज्य उठाने लगे हैं जिनकी उपज अब देश-दुनिया मे भेजी जा रही हैं। यही है पीएम मोदी का विकास का रास्ता जो किसानों को भी आगे ले जा रहा है।
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