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पिछले काफी समय से आधार कार्ड बेहद जरूरी हो चला है। भारत में बड़ी संख्या में आधार बनाने के लिए हर दिन बड़े पैमाने पर काम हो रहा है। अब ज्यादातर चीजों को आधार से जोड़ देने के बाद लोगों ने जल्द अपना कार्ड बनवाने की दिशा में काम किया। वहीं, अब ब्रू जनजाति के लिए गृह मंत्रालय ने एक नोटिफिकेशन जारी करते हुए ब्रू पुनर्वास योजना का जिक्र किया। इसमें बताया गया कि अगर आपको ब्रू पुनर्वास योजना के तहत होने वाले लाभ को प्राप्त करना है तो उसके लिए आधार कार्ड की आवश्यकता जरूरी है। गृह मंत्रालय ने कहा, 'ब्रू पुनर्वास योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के इच्छुक एक पात्र लाभार्थी को इसके लिए आधार नंबर का प्रमाण प्रस्तुत करना होगा या आधार प्रमाणीकरण की प्रक्रिया से गुजरना होगा।' बता दें कि अपने ही देश में ब्रू जनजाति शरणार्थी बन गई है। अरसा बीत जाने के बाद भी उनके पास कोई ठौर-ठिकाना नहीं है।
सेवन सिस्टर्स कहलाने वाले पूर्वोत्तर के सात राज्यों में एक त्रिपुरा में ब्रू जनजाति के लोगों के प्रस्तावित पुनर्वास के कारण हाल ही में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुआ। सरकार इन्हें स्थायी रूप से त्रिपुरा में बसाने के लिए आगे आई थी। ब्रू या रियांग जनजाति उत्तर पूर्व की एक जनजाति है, वे लोग त्रिपुरा, असम और मिजोरम राज्यों में रहते हैं। त्रिपुरा में, इस समुदाय को विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह के रूप में मान्यता प्राप्त है। मिजोरम में, इसे जातीय संगठनों द्वारा निशाना बनाया जाता है। उनके द्वारा ब्रू लोगों को मतदाता सूची से बाहर करने की मांग भी उठी है और इस जनजाति को त्रिपुरा में पलायन करने के लिए मजबूर किया गया। त्रिपुरा में उनका स्थायी बंदोबस्त सुनिश्चित करने के लिए पिछले साल केंद्र और दोनों राज्यों के बीच एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। हालाकिं, इसका त्रिपुरा में बंगाली और मिजो समूहों ने इसका विरोध किया गया था।
ब्रू जनजाति के बमुश्किल 30000-32000 शरणार्थी हैं। ये लोग भारत के ही मूल निवासी हैं। इतनी कम संख्या के बावजूद स्थानीय लोगों का विरोध है। बता दें कि समझौते के तहत सरकार ने 40 बाय 30 फीट का प्लॉट, 4 लाख की एफडी, दो साल तक हर महीने 5000 रुपये और दो साल तक राशन व मकान बनाने के लिए 5 लाख रुपये देने का वादा किया है। शरणार्थियों के संगठन मिजोरम ब्रू डिस्प्लेस्ड पीपुल्स फोरम (एमबीडीपीएफ) ने पिछले साल स्थायी नागरिक और अनुसूचित जाति प्रमाणपत्र देने की भी मांग उठाई थी।
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