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त्रिपुरा में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सुशासन दावों को चुनौती देते हुए विपक्षी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी( माकपा) के महिला मोर्चा अखिल भारतीय लोकतांत्रिक महिला संघ ने सोमवार को राज्य सरकार पर महिलाओं की सुरक्षा करने और महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों में शामिल अपराधियों को दंडित करने में विफल रहने का आरोप लगाया।
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एसोसिएशन के उपाध्यक्ष रामा दास ने आरोप लगाया कि पिछले 57 महीनों में त्रिपुरा में भाजपा के शासन में बलात्कार और सामूहिक बलात्कार के बाद 66 महिलाओं की हत्या कर दी गई, जबकि अन्य 105 महिलाओं को बलात्कार के बाद आत्महत्या करनी पड़ी, जो महिलाओं के प्रति भाजपा नेतृत्व वाली सरकार की बहुत ही खतरनाक सभ्यता का चित्रण है।
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त्रिपुरा विधानसभा की आखिरी रिपोर्ट का जिक्र करते हुए दास ने कहा, हर महीने विभिन्न थानों में महिलाओं के खिलाफ हिंसा के औसतन 67 मामले दर्ज किए जा रहे हैं। एक जनवरी 2020 से 31 अगस्त 2022 तक प्रदेश में दुष्कर्म के 381 मामले दर्ज किए गए हैं इस दौरान विभिन्न थानों में महिलाओं के खिलाफ हिंसा के 2164 मामले दर्ज किए गए हैं, जो पूर्वोत्तर राज्यों में सबसे ज्यादा हैं। राज्य के गृह विभाग के पास सामूहिक बलात्कार के कुल 26 मामले दर्ज किए गए हैं।
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