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त्रिपुरा में पिछले तीन वर्षों में विपक्षी नेताओं और उनके कार्यकर्ताओं पर हुए हमलों के दौरान पुलिस के मूकदर्शक बने रहने के विरोध में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की युवा शाखा डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीवाईएफआई) और छात्र विंग एसएफआई के स्वयंसेवकों ने बड़ी संख्या में सोमवार को पुलिस मुख्यालय के सामने प्रदर्शन किया।
डीवाईएफआई प्रदेश सचिव नबारुन देब ने आरोप लगाया कि कोरोना कर्फ्यू के दौरान शहर के रामनगर इलाके में कल रात सत्तारूढ भारतीय जनता पार्टी के बड़ी संख्या में मोटरसाइकिल सवारों ने एसएफआई प्रदेश सचिव संदीपन देव के घर पर हमला किया। उन्होंने कहा कि हमलावरों ने पुलिस के सामने 15 मिनट तक संदीपन के घर में धावा बोला। इस हमले में संदीपन और उनके दो भाई घायल हो गए। देब ने कहा, हमलावरों ने हमले के दौरान जय श्री राम के नारे लगाए और संदीपन और उनके परिवार को चेतावनी दी कि अब से माकपा की गतिविधियां बंद कर दें, अन्यथा इसके गंभीर परिणाम होंगे।
राज्य में बिप्लब देब के नेतृत्व वाली सरकार के सत्ता में आने के बाद भाजपा के हमलवारों ने संदीपन के घर पर तीसरी बार हमला किया है। शिकायतों के बावजूद पुलिस ने तीन साल में किसी के खिलाफ एक भी कार्रवाई नहीं की जिससे अपराधियों को इस तरह की घटना को अंजाम देने की शह मिल रही है। देब ने आरोप लगाया कि कि आए दिन विपक्ष पर कोई न कोई हमला होता रहता है।
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