बीसीसीएल में सीआईएसएफ की जगह सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी त्रिपुरा स्टेट राइफल्स फोर्स को दी जा सकती है। इस सिलसिले में कंपनी प्रबंधन गंभीर है। आर्थिक संकट से निजात पाने के लिए कंपनी सीआईएसएफ पर सालाना 400 करोड़ खर्च को घटाने पर विचार कर रही है। प्रबंधन के वरिष्ठ आधिकारिक सूत्र ने बताया कि इस सिलसिले में त्रिपुरा स्टेट राइफल्स से संपर्क साधा गया है और जरूरी जानकारी भी ली गई है। हालांकि अभी मामले में अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।


अधिकारी ने बताया कि अभी हाल में साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड में सुरक्षा की जिम्मेदारी त्रिपुरा स्टेट राइफल्स को दी गई है। बीसीसीएल प्रगबंधन ने अपनी सहयोगी कंपनी साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड से भी त्रिपुरा स्टेट राइफल्स पर खर्च संबंधी जानकारी ली है। सीआईएसएफ के मुकाबले 40 फीसदी तक बचत हो रही है। बताया गया कि वर्तमान में बीसीसीएल में सीआईएसएफ के 3100 सुरक्षाकर्मी है। इसपर सालाना 400 करोड़ रुपए बीसीसीएल को भुगतान करना पड़ता है। त्रिपुरा स्टेट राइफल्स फोर्स के इतने ही जवान पर 250 करोड़ सालाना खर्च होगा। यानी डेढ़ सौ करोड़ की बचत होगी।


मालूम हो बीसीसीएल इन दिनों आर्थिक मोर्च पर संघर्षरत है। कॉस्ट कटिंग के हर विकल्प पर विचार किया जा रहा है। इसी सिलसिले में सीआईएसएफ पर हो खर्च को भी घटाने के लिए विकल्प तलाश जा रहा है। त्रिपुरा स्टेट राइफल्स के अलावा अभी अन्य सुरक्षा एजेंसी के साथ भी बातचीत का विकल्प खुला है। वैसे त्रिपुरा स्टेट राइफल्स को लेकरा ज्यादा संभावना इसलिए है, क्योंकि सरकारी सुरक्षा एजेंसी है। एसईसीएल में टीएसआरएफ को परखा जा चुका है।