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चार दिनों तक मनाया जाने वाल छठ पूजा (Chhath puja) का आज यानी 11 नवंबर को उगते हुए सूर्य भगवान को अर्घ्य (Arghya) देने के साथ ही समापन हो गया। इस साल छठ की शुरुआत 8 नवंबर को नहाय खाय के साथ हुई थी।
9 नवंबर को खरना मनाया गया था। 10 नवंबर को डूबते हुए सूर्य को अर्ध्य दिया गया। छठ पर्व के अंतिम दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही छठ महापर्व (Chhath mahaparv) का समापन हो गया। वैसे तो सूर्य को अर्घ्य हरेक दिन दिया जाता है लेकिन छठ पूजा में सूर्य देव को अर्घ्य देने का विशेष महत्व है।
षष्ठी तिथि के समय में डूबते सूर्य को और अगले दिन प्रात: उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के कई फायदे हैं। इस दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देने का खास महत्व है।
हर साल की तरह देश के विभिन्न राज्यों में छठ पूजा की धूम रही। वहीं इस बार त्रिपुरा में भी शानदार तरीके से लोगों छठ पूजा किया। जिसकी तस्वीरें त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने शुभकामानाएं देते हुए शेयर की है। साथ ही वे छठ पूजा में शामिल भी हुए।
उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा, 'लोक आस्था एवं सूर्य उपासना के महापर्व छठ पूजा की सभी देशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं।
अपने प्रकाश से अंधकार को मिटाने वाले भगवान भाष्कर से आप सभी के लिए सुख, शांति, समृद्धि, वैभव एवं उत्तम स्वास्थ्य की कामना करता हूँ। जय छठी मईया!'
अगरतला के खजूरबागान में आयोजित #छठ_पूजा में लोक-छटा से सजे घाट और सौंदर्य के बीच छठ व्रतधारियों के साथ रहने का अवसर प्रप्त हुआ।
— Biplab Kumar Deb (@BjpBiplab) November 10, 2021
भगवान भाष्कर से आप सभी के खुशहाली की कामना करता हूं। pic.twitter.com/uLNSQR9DzP
अगरतला के खजूरबगान में आयोजित छठ पूजा में शामिल होकर व्रतधारियों के साथ अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य प्रदान किया।
— Biplab Kumar Deb (@BjpBiplab) November 10, 2021
भगवान आदित्य से त्रिपुरा समेत समस्त देशवासियों के लिए सुख,शांति और समृद्धि की कामना की।
सूर्यदेव सबको निरोग रखें।#छठ_महापर्व pic.twitter.com/Fd4ltUym1W
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