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आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और यूएपीए के तहत त्रिपुरा पुलिस (tripura police) ने 102 सोशल मीडिया अकाउंट धारकों (social media account user) के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इनमें सुप्रीम कोर्ट के चार वकील भी शामिल हैं। इन पर मुस्लिमों के खिलाफ सांप्रदायिक भेदभाव को बढ़ावा देने का आरोप है। साथ ही ट्विटर(twitter), फेसबुक (facebook) और यूट्यूब (Youtube) को इन लोगों के अकाउंट सीज करने व इनसे जुड़ी पूरी जानकारी देने का नोटिस जारी किया है। ताजा जानकारी के अनुसार इनमें से चार आरोपियों को जेल भेज दिया गया है।
त्रिपुरा पुलिस (tripura police) ने शुक्रवार को मामला दर्ज किया और शनिवार को पश्चिमी अगरतला पुलिस के प्रभारी ने ट्विटर के सेन फ्रांसिस्को स्थित मुख्यालय को नोटिस भेजा। इसमें कहा गया कि ये आरोपी हाल में त्रिपुरा में मस्जिदों पर हुए हमलों को लेकर कुछ आपत्तिजनक खबरें सोशल मीडिया पर पोस्ट कर रहे हैं। जिससे सांप्रदायिक सौहार्द बिगड़ने का खतरा है।
इसमें कुछ लोग या संगठन भी शामिल हैं। ये लोग दूसरी घटनाओं की भड़काऊ तस्वीरों और वीडियो को मौजूदा घटना के साथ जोड़कर पोस्ट कर रहे हैं। वेस्ट अगरतला पुलिस ने सभी 102 लोगों को पुलिस के समक्ष पेश होकर उनका पक्ष रखने के लिए भी बुलाया है।
त्रिपुरा पुलिस ने ट्वीटर को अक्तूबर के अंत में राज्य के कुछ हिस्सों में हुई सांप्रदायिक हिंसा के दौरान आपत्तिजनक पोस्ट करने वाले 68 यूजर्स के खाते ब्लॉक करने का निर्देश दिया है। बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों पर हुए हमलों के विरोध में त्रिपुरा में प्रदर्शन आयोजित किया गया था। इसी दौरान एक मस्जिद, कुछ दुकानों व घरों में तोड़फोड़ की गई थी।
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