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त्रिपुरा में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) के राज परिवार के वंशज किशोर देव बर्मन के नेतृत्ववाली त्रिपुरा इंडिजिनस प्रोग्रेसिव रीजनल एलायंस (तिप्रा) के साथ गठबंधन करने पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की और इसे दुखद बताया है।
आईपीएफटी ने कहा है कि भाजपा ने 2018 में विधानसभा चुनाव के दौरान गठबंधन को लेकर किए गए किसी भी वादे को अब तक पूरा नहीं किया है। पार्टी ने कहा है कि भाजपा के वादा खिलाफी की वजह से उसे अपनी पुरानी मांग (आदिवासियों के लिए अलग राज्य की मांग) टिपरालैंड के लिए तिप्रा के साथ हाथ मिलाने पर मजबूर होना पड़ा। आईपीएफटी के महासचिव एवं आदिवासी कल्याण मंत्री मेवार कुमार जमातिया ने कहा, मैं पिछले तीन वर्षों के दौरान सरकार के प्रदर्शन पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा, लेकिन मैं अवश्य कहूंगा कि भाजपा ने अपने वादों को पूरा नहीं किया, जिसके आधार पर भाजपा और आईपीएफटी ने साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ा था। चूंकि भाजपा या आईपीएफटी के लिए अकेले गत 25 वर्षों से सत्ता पर काबिज वामपंथियों का सामना करना संभव नहीं था। हम कुछ कारणों से एक साथ आए थे।
दूसरी ओर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मानिक साह ने जमातिया के बयान पर टिप्पणी करते हुए सवाल किया, जब भाजपा के साथ गठबंधन में हैं और मंत्रिपद ग्रहण किए हैं, तो आईपीएफटी किसी दूसरी पार्टी के साथ गठबंधन कैसे कर सकती है। उन्होंने कहा, न्हें अपनी योजना के बारे में हमें बताना चाहिए तथा गठबंधन के सिद्धांतों के अनुसार यह भी बताना चाहिए था कि घोषणा करने से पहले वह दूसरे गठबंधन में क्यों जाना चाहते हैं। उन्होंने कहा, हमने इस घटनाक्रम के बारे में केंद्रीय नेतृत्व को सूचना दे दी है तथा आईपीएफटी नेताओं को बुलाकर पूछा जाएगा कि वह टिपरा के साथ गठबंधन कैस कर सकते हैं, जबकि अभी भी राज्य में भाजपा के नेतृत्ववाली सरकार में साझेदार है। हमने अभी तक एडीसी चुनावों के लिए सीटों के बंटवारों पर बातें नहीं की है और उम्मीद थी कि आईपीएफटी किसी दूसरे गठबंधन में जाने से पहले आधिकारिक बैठक करेगी।
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