त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद (TTAADC) चुनाव होने वाले है। इस चुनाव में बीजेपी और IPFT का पहले गठबंधन था लेकिन अब इस चुनाव में दोनों पार्टियों के बीच दरार आ गई है। दोनों पार्टियां एक साथ गठबंधन में चुनाव नहीं लड़ने की औपचारीक घोषणा तो नहीं है लेकिन सूत्रों ने बताया है कि वह साथ में चुनाव नहीं लड़ेंगी। भाजपा के आदिवासी नेताओं ने कहा है कि वे आगामी त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद (TTAADC) चुनावों के लिए IPFT के साथ गठबंधन में "दिलचस्पी नहीं" कर रहे हैं।


IPFT नेताओं के प्रद्योत देब बर्मन के साथ खुमुलवेंग में एक मेगा रैली में भाग लेने के कुछ ही दिन बाद भाजपा के आदिवासी नेताओं का यह स्टैंड लिया है। स्वदेशी प्रगतिशील क्षेत्रीय गठबंधन (TIPRA) और राज्य सरकार में भाजपा की सहयोगी - स्वदेशी पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (IPFT) ने हाल ही में TTAADC के आगामी चुनावों के लिए गठबंधन किया था। TTAADC चुनावों के लिए IPFT इस बीच, त्रिपुरा के भाजपा प्रमुख माणिक साहा ने दिल्ली में पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व को पत्र भेजा है। विशेष रूप से, भाजपा के पास कुल दस आदिवासी विधायक और एक आदिवासी सांसद हैं।
 


बीजेपी पार्टी के सूत्रों ने बताया कि भगवा पार्टी के आदिवासी नेताओं ने त्रिपुरा बीजेपी अध्यक्ष माणिक साहा को पत्र लिखकर कहा है कि वे आगामी TTAADC चुनावों के लिए IPFT के साथ गठजोड़ करने में "रुचि नहीं" ले रहे हैं। भाजपा के आदिवासी नेताओं ने व्यक्त किया है कि वे TTAADC चुनाव अपने दम पर लड़ना चाहते हैं। भाजपा के एक विधायक ने बताया कि सभी आदिवासी विधायकों और एक सांसद ने संयुक्त रूप से त्रिपुरा भाजपा को पत्र लिखकर भाजपा से कोई गठबंधन नहीं करने की मांग की है।