
अगरतला। केंद्रीय आयुष मंत्रालय (Union Ministry of AYUSH) त्रिपुरा में 50 बिस्तरों वाला आयुष अस्पताल (AYUSH Hospital)तथा इतनी ही संख्या में स्वास्थ्य एवं सुविधा केंद्रों को जल्द बनाने के लिए राजी हो गया है। केंद्रीय आयुष मंत्री सर्वानंद सोनोवाल (Union Ayush Minister Sarbananda Sonowal) ने राज्य में मंगलवार अपने दौरे पर आने के बाद मुख्यमंत्री विप्लव कुमार देव (Chief Minister Biplab Kumar Deb)से इस बारे में बात की। सोनोवाल ने बुधवार को मीडिया को बताया कि आयुष अस्पताल तथा स्वास्थ्य केंद्रों से त्रिपुरा में वर्तमान में चल रहे स्वास्थ्य संरचना को मदद मिलेगा तथा इससे इस क्षेत्र में परंपरागत चिकित्सा पद्धती को बढ़ावा मिलेगा।
साथ ही यह देश के अलग-अलग हिस्सों के लोगों तथा पड़ोसी बंगलादेश के लोगों को भी आकर्षित करेगा जिससे आर्थिक विकास तथा सांस्कृतिक विकास को अधिक बल मिलेगा। मंत्री ने कहा कि इससे उत्तर-पूर्व के लोगों को इलाज कराने में बेहतर सुविधा मिलेगी तथा यह उनके बेहतर जीवन जीने में सहायता प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित आयुष अस्पताल बनाने के लिए सरकार भूमी उपलब्ध करायेगी तथा मंत्रालय अस्पताल को सभी प्रकार का सहायता प्रदान करेगा।
उन्होंने कहा कि उनके अंतर्गत एक और मंत्रालय बंदरगाह, पोत तथा जलमार्ग के अंतर्गत सेपाहिजला जिले में सोनामुरा के श्रीमंतापुर में एक आंतरिक जल ट्रांसपोर्ट टर्मिनल बनाने तथा उसका रखरखाव करने के लिए त्रिपुरा सरकार के साथ एक ज्ञापन पत्र पर हस्ताक्षर हुआ है। श्री सोनोवाल तथा विप्लव कुमार देव की उपस्थिति में त्रिपुरा यातायात विभाग के अधिकारियों, भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण तथा भारतीय बंदरगाह प्राधिकरण के बीच समझौता हुआ है।
मंत्री ने बताया कि भारत और बंगलादेश के बीच 25 करोड़ रुपये की लागत से त्रिपुरा में गोमती नदीं पर दस अंतर्देशीय जलमार्ग बनाया जायेगा, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने बताया कि जलमार्ग मंत्रालय गोमती नदी के अलावा त्रिपुरा के अन्य नदियों पर जलविज्ञान संबंधित सर्वे कर सकता है तथा अगला कदम संभावनाओं को देकते हुए उठाया जायेगा। उन्होने कहा कि गोमती नदीं के ताल को चालीस किलोमिटर बढ़ाने तथा सोनामुरा तथा उदयपुर के बीच बांध बनाने के लिए पहले ही राशि की आवंटन की जा चुकी है।
मुख्यमंत्री देव ने बताया कि राज्य सरकार के निवेदन पर भारत सरकार सोनामुरा- दाउदकांडी प्रोटोकॉल मार्ग को चालीस कोलोमिटर बढ़ाने के लिए 80:20 के अनुपात में पैसा देने पर राजी हो गया है। हावड़ा तथा दीव नदी पर जलमार्ग नेटवर्क को बढ़ाने के लिए एक और प्रस्ताव में पैसे के लिए पोत तथा जलमार्ग मंत्रालय के पास भेज दिया गया है। देव ने जोर देकर कहा कि जलमार्ग से माल की ढुलाई में सबसे कम पैसा खर्चा होता है। भारत के राज्यों से बंगलादेश में जलमार्ग के द्वारा मालों की ढुलाई खास कर सीमेंट तथा स्टील की ढुलीई करना आसान हो गया है तथा इससे माल ढुलाई सस्ता हुआ है।
Took part in an important MoU signing ceremony between @IWAI_ShipMin, @LPAI_Official and Tripura Govt along with CM Shri @BjpBiplab in Agartala.
— Sarbananda Sonowal (@sarbanandsonwal) February 15, 2022
10 new Jetties will be built on the Gomati river which will give more Gati to Indo-Bangladesh trade via waterways. pic.twitter.com/h7vxtstZpP
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