त्रिपुरा में तीन दिवसीय दूसरा बांग्लादेश फिल्म महोत्सव (Bangladesh Film Festival) 23 से 25 फरवरी तक यहां रवींद्र शतबर्शिकी भवन में आयोजित किया जाएगा। यह जानकारी बांग्लादेश के सहायक उच्चायुक्त (assistant high commissioner of bangladesh) आरिफ मोहम्मद ने दी। उन्होंने त्रिपुरा सरकार के सांस्कृतिक मामलों के मंत्री सुशांत चौधरी के साथ बांग्लादेश की सर्वश्रेष्ठ फिल्मों के साथ-साथ रंगारंग कार्यक्रमों की सफलतापूर्वक मेजबानी करने के लिए एक विस्तृत बैठक की।

बंगलादेश में हिंदुओं के खिलाफ हमलों और इस हिंसा की आग त्रिपुरा (Violence in Tripura) में भी फैसले के बाद अगरतला में बांग्लादेश के सहायक उच्च आयुक्त ने पिछले साल अक्टूबर में होने वाले बांग्लादेश फिल्म महोत्सव  (Bangladesh Film Festival) को आगे बढ़ा दिया था। ऐसा देश में अल्पसंख्यक हिन्दुओं पर साम्प्रदायिक घटनाएं, हमले और फिर त्रिपुरा में हिंसा के फैलाव के कारण किया गया। उन्होंने कहा कि महोत्सव में बांग्लादेश मुक्ति संग्राम पर बनी सर्वश्रेष्ठ फिल्मों को दिखाया जाएगा। बता दें कि बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दौरान त्रिपुरा की आबादी 15 लाख थी, लेकिन इसने अपनी धरती पर 16 लाख बांग्लादेशी नागरिकों को आश्रय दिया। न केवल भारतीय सेना, डॉक्टरों, पेशेवरों और मीडिया, त्रिपुरा के प्रत्येक परिवार ने पूर्वी हिस्से को पाकिस्तान के चंगुल से मुक्त करने के लिए शुरू किए गए संघर्ष में योगदान दिया।

उन्होंने कहा कि अगरतला में बांग्लादेश सहायक उच्चायोग (Bangladesh Assistant High Commission) ने दोनों देश के लोगों के बीच सामाजिक-सांस्कृतिक संबंध को मजबूत करने के उद्देश्य से राज्य के लोगों के लिए पहले फिल्म महोत्सव का आयोजन किया था। त्रिपुरा के संस्कृति मामलों की मंत्री ने कहा कि बांग्लादेश के सहायक उच्चायुक्त के साथ बैठक में यह निर्णय लिया कि दोनों देश के नागरिकों के कल्याण के लिए खेल और संस्कृति के साथ बहुआयामी संचार और सहयोग के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे। भारत बांग्लादेश के बीच द्विपक्षीय संबंध के बनिस्पत लोगों के बीच संबंध ज्यादा मजबूत आधार पर है। दोनों देश में सांस्कृतिक रूप से कई समानताएं हैं।