तमिलनाडु के तंजावुर जिले (Thanjavur district of Tamil Nadu) में रहने वाले दो साल की भारती के माता-पिता की मेहनत रंग लाई है। भारती एक दुर्लभ बीमारी (suffering from a rare disease called Spinal Muscular Atrophy) स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी (एसएमए) से पीडि़त हैं। उन्हें दुनिया की सबसे (world's most expensive drug)  महंगी दवा Zolgensma दे दी गई है। इसके लिए उनके माता-पिता ने क्राउड-फंडिंग के माध्यम से 16 करोड़ रुपए जुटाए। 

भारती को बेंगलूरु बापिस्ट हॉस्पिटल (Doctors of Bangalore Baptist Hospital) के डॉक्टरों ने उसके अभिभावक आर. जगदीश और के. एझिलरसी की देखरेख में शुक्रवार को यह दवा दी गई। यह दवा अमरीका से मंगाई गई थी जिसे शुक्रवार सुबह भारती को दी गई। भारती की मां एझिलरसी ने शनिवार को यह जानकारी दी।

एझिलरसी ने बताया कि भारती के लिए लंदन के एक ड्रग डीलर ने यह दवा गुरुवार तडक़े आयात किया। अस्पताल के डॉक्टरों ने शुक्रवार सुबह दवाई की छह शिशियां बच्ची को दी जिसमें एक घंटे का समय लगा।

तंजावुर के नानजीकोट्टई के बैंक कर्मचारी दंपति आर. जगदीश और के. एझिलारसी के घर जन्मे भारती को इस साल 9 अगस्त को वेलूर स्थित क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों ने दुर्लभ आनुवंशिक विकार से पीडि़त होने की बात कही।

स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी एक (Spinal muscular atrophy is a neuromuscular disease caused by damage to the SMN1 gene) न्यूरोमस्कुलर रोग है, जो एसएमएन 1 जीन को नुकसान पहुंचाता है। इससे पीडि़त बच्चों की मांसपेशिया कमजोर हो जाती है। आगे चलकर उन्हें सांस लेने में कठिनाई और निगलने में कठिनाई होती है। एसएमए आमतौर पर 10 हजार बच्चों में से एक को प्रभावित करता है। वर्तमान में भारत में एसएमए से पीडि़त लगभग 800 बच्चे हैं।

डॉक्टरों ने उन्हें दो साल की होने से पहले उसे दी जाने वाली दवा की व्यवस्था करने की सलाह दी थी। मध्यम वर्ग के माता-पिता ने मदद के लिए सोशल मीडिया का रुख किया। उनके प्रयासों को वीडियो बनाने वाले मशहूर हस्तियों ने समर्थन दिया, जिन्होंने वीडियो के माध्यम से बड़े पैमाने पर अपील की। क्राउडफंडिंग में पांच लाख से अधिक लोगों ने योगदान दिया। 19 नवम्बर को इस दंपती को पूरे 16 करोड़ रुपए मिल गए। सीमा शुल्क आयात शुल्क से छूट के साथ दंपती को दवा मिली।