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उज्जैन। हनुमान जन्मोत्सव का पर्व चौत्र मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस बार ये तिथि 6 अप्रैल आई है है। इस दौरान हनुमानजी के हर मंदिर में कई तरह के आयोजन किए जाते हैं। इस समय में दुनिया में हनुमानजी के अनेक मंदिर हैं, लेकिन एक मंदिर ऐसा भी है जहां हनुमानजी की पूजा उनकी पत्नी के साथ की जाती है। भले ही यह बात आपको अजीब लगे लेकिन सच है। जी हां, तेलंगाना राज्य में यह मंदिर स्थित है जिसमें हनुमानजी अपनी पत्नी के साथ विराजमान हैं।
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हनुमानजी को इसलिए करना पड़ा विवाह
पाराशर संहिता के मुताबिक हनुमानजी जब सूर्यदेव के पास शिक्षा प्राप्त करने गए तो उन्होंने 9 में से 5 का ज्ञान तो उन्हें दे दिया लेकिन 4 विद्याओं का ज्ञान नहीं दिया। हनुमानजी ने जब इस बारे में पूछा तो सूर्यदेव ने बताया कि इन 4 दिव्य विद्याओं का ज्ञान सिर्फ उन्हीं शिष्यों को दिया जाता है जो विवाहित हों। उस समय सूर्यदेव के समझाने पर हनुमानजी ने विवाह किया था।
कौन हैं हनुमानजी की पत्नी
उस समय भगवान सूर्यदेव ने अपनी पुत्री सुवर्चना का विवाह हनुमानजी से करया। सुवर्चला एक महान तपस्वी थी। हनुमानजी से सूर्यदेव ने कहा कि सुवर्चला पुनः तपस्या में लीन हो जाएगी और आप भी ब्रह्मचारी ही रहेंगे। ऐसा ही हुआ और विवाह के बाद सूर्यदेव ने हनुमानजी को शेष 4 विद्याओं का ज्ञान भी दे दिया।
यहां पर है हनुमानजी और सुवर्चला का मंदिर
आपको बता दें कि हनुमानजी का पत्नी सुवर्चला के साथ मंदिर के साथ वाला एकमात्र मंदिर तेलंगाना राज्य के खम्मम जिले में है। ये एक प्राचीन मंदिर हैं, जहां सैकड़ों सालों से उनकी पूजा अर्चना की जा रही है।
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ऐसे पहुंचे हनुमानजी के मंदिर
- तेलंगाना में खम्मम से 99 किलोमीटर दूर विजयवाड़ा हवाई अड्डा है। यहां तक आप हवाई मार्ग से ओकर रेल या सड़क मार्ग से खम्मम पहुंच सकते हैं। इसके अलावा खम्मम से देश के लगभग सभी बड़े शहरों से रेल गाडियां चलती हैं।
- खम्म्म सड़क मार्ग से भी देश के कई शहरों से जुड़ा हुआ है।
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