नई दिल्ली। पाकिस्तान एक ऐसा देश है जिसने यहूदी बहुल इजराइल को उसकी स्थापना के 75 सालों बाद भी उसें देश की मान्यता नहीं दी है. लेकिन अब उसी कंगाल पाकिस्तान की कंगाली अब शाक्तिशाली यहूदी राथ्सचाइल्ड परिवार दूर करने वाला है. क्योंकि अब पाकिस्तान ने इस परिवार के सामने कटोरा फैलाया है. आपको बता दें कि यह पावरफुल यहूदी राथ्सचाइल्ड परिवार 30 देशों का आर्थिक संकट दूर कर चुका है.

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दुनिया के शक्तिशाली परिवारों में शामिल

पाकिस्तान अब उम्मीद लेकर दुनिया के सबसे शक्तिशाली परिवारों में शामिल इस राथ्सचाइल्ड फैमिली के पास पहुंचा है. आपको बता दें कि राथ्सचाइल्ड परिवार राथ्सचाइल्ड एंड कंपनी नाम से मल्टीनेशनल फाइनेंसिंग कंपनी चलाता है. हालांकि, यह कोई छोटी-मोटी लोन कंपनी नहीं, बल्कि कई देशों को लोन देने वाली तगड़ी फर्म है. आपको जानकर हैरानी होगी की यह कंपनी अब तक करीब 30 देशों को फाइनेंशियल मदद देकर उन्हें डिफाल्टर होने से बचा चुकी है.

वित्तमंत्री से की मुलाकात

पाकिस्तान पैसे के लिए पूरी दुनिया में धक्के खा चुका है, लेकिन उसें कोई भी धन नहीं दे रहा. यह अपनी कंगाली को लेकर पाक राथ्सचाइल्ड परिवार के स्वामित्व वाली कंपनी की शरण में गया है. पाकिस्तान की गुहारों के बाद 21 फरवरी को राथ्सचाइल्ड कंपनी के एक प्रतिनिधिमंडल ने पाकिस्तान के वित्त मंत्री मोहम्मद इशाक डार से मुलाकात की है. इस मुलाकात की तस्वीरें खुद पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर शेयर की हैं. ऐसे में जानते हैं कि यह कंपनी कैसे काम करती है.

200 साल पुराना है फाइनेंशियल बिजनेस

कंपनी ने अपनी वेबसाइट पर बताया है कि वो दुनिया की सबसे बड़ी स्वतंत्र फाइनेंशियल सर्विस देने वाली कंपनियों में शामिल है. कंपनी की 40 देशों में 3,800 से भी ज्यादा आर्थिक सलाहकारों की टीम काम करती है. इस कंपनी का दावा है कि यह बिजनेस 200 साल पुराना है और राथ्सचाइल्ड परिवार की 7वीं पीढ़ी इस वक्त बिजनेस को संभाल रही है.

फाइनेंशियल सेक्टर में कैसे रखा कदम

कंपनी का कहना है कि 19वीं सदी की शुरुआत में जब ब्रिटेन और उसके साथियों को जंग के लिए पैसों की जरूरत थी, तब कंपनी ने उन्हें पैस दिए थे. यह कंपनी 1980 के दशक में निजीकरण के हिमायतियों में सबसे आगे रही. एक समय में जब साइप्रस, ग्रीस, आयरलैंड और पुर्तगाल जैसे देशों को बेलआउट पैकेज की जरूरत पड़ी तो तब फर्म ने उन्हें इससे उबरने में सहायता प्रदान की.

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अफ्रीकी देशों को दिया पैसा

यह फर्म उपरोक्त देशों के अलावा कई अफ्रीकी देशों को भी उबार चुकी है. जब 2014 में आइवरी कोस्ट और 2015 में कैमरून आर्थिक संकट से जूझने लगा, तब इसी कंपनी ने उसे अंतरराष्ट्रीय मार्केट में वापसी करने में मदद की. इसी कंपनी ने चाड देश को भी बुरे दौर से निकालने में मदद की.