राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि भारत को काफी संघर्ष के बाद आजादी मिली और उसे आत्मनिर्भर बनने की जरूरत है। देश की आजादी की 75वीं सालगिरह पर महाराष्ट्र के नागपुर शहर में स्थित संघ मुख्यालय में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद भागवत ने यहां आयोजित एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि भारत विश्व को शांति का संदेश देगा।

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संघ प्रमुख ने यह भी कहा, 'लोगों को ये नहीं पूछना चाहिए कि देश और समाज उन्हें क्या देता है, बल्कि यह सोचना चाहिए कि वे देश को क्या दे रहे हैं। आज गर्व और संकल्प का दिन है। देश को बहुत संघर्ष के बाद आजादी मिली। इसलिए सभी को मिलकर उसे आत्मनिर्भर बनने की जरूरत है।'

संघ मुख्यालय में कड़ी सुरक्षा के बीच आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह में आरएसएस के कुछ स्वयंसेवक और प्रचारक मौजूद थे। आरएसएस ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर रेशमबाग क्षेत्र स्थित डॉ। हेडगेवार स्मारक समिति में एक विशाल कार्यक्रम का आयोजन किया गया है, जिसमें नागपुर महानगर के सहसंघचालक श्रीधर गाडगे मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत करेंगे। आरएसएस के स्वयंसेवक शाम पांच बजे शहर के विभिन्न हिस्सों में ‘पथ संचलन’ (मार्च पास्ट) भी करेंगे।

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पूरे देश में आज आजादी का ये त्योहार आन-बान-शान के साथ मनाया जा रहा है। इस मौके पर पीएम मोदी ने लाल किले की प्राचीर से देश की जनता को संबोधित करके नए दौर के नए भारत का विजन पेश किया। पीएम मोदी ने कहा, 'लाल बहादुर शास्त्री ने जय जवान, जय किसान का नारा दिया था और इसमें अटल बिहारी वाजपेयी ने जय विज्ञान जोड़ा था। अब मैं इसमें जय अनुसंधान जोड़ता हूं। क्योंकि इस अमृतकाल के लिए इनोवेशन बहुत जरूरी है। आज 75 साल बाद मेड इन इंडिया गन से सलामी दी गई। डिजिटल क्रांति से नया विश्व बन रहा है। जब भी दुनिया स्वास्थ्य सेवा की चर्चा करती है तो वह भारत के योग और आयुर्वेद को देखती है। यह वो विरासत है जो हम दुनिया को दे रहे हैं।'