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भारत के पहले सीडीएस बिपिन रावत के निधन पर पाकिस्तान सेना (Pakistan Army) ने शोक जताया है। पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता ने ट्विटर पर अपने आधिकारिक पेज से इस घटना पर दुख व्यक्त किया है। इस ट्वीट में लिखा गया है- भारत में हुए हेलीकॉप्टर हादसे में सीडीएस जनरल बिपिन रावत एवं उनकी पत्नी की दुखद मौत एवं कई अमूल्य ज़िंदगियों के नुकसान पर जनरल नदीम रजा (General Nadeem Raza) , सीजेसीएससी और जनरल कमर जावेद बाजवा (CJCSC and General Qamar Javed Bajwa) ने शोक व्यक्त किया है।
General Nadeem Raza, CJCSC & General Qamar Javed Bajwa, COAS express condolences on tragic death of #CDS General #BipinRawat, his wife and loss of precious lives in a helicopter crash in India
— DG ISPR (@OfficialDGISPR) December 8, 2021
बता दें कि सेना का हेलीकॉप्टर IAF MI-17 V5 बुधवार दोपहर क्रैश हो गया था। इस हेलीकॉप्टर में देश के पहले सीडीएस विपिन रावत समेत 14 लोग मौजूद थे। सूत्रों के मुताबिक इस हेलीकॉप्टर हादसे में सीडीएस रावत की पत्नी मधुलिका रावत का भी देहांत हो गया है। इस हादसे में 13 सवारों की मौत हो गई है। भारतीय वायुसेना ने इस क्षति की पुष्टि कर दी है।
बिपिन रावत ने सेना से दिसंबर-1978 में जुड़े। सेना को अपनी सेवाएं देने के दौरान बिपिन रावत अनेक पदों पर रहे। इंडियन मिलिट्री एकेडमी, देहरादून में भी उनकी तैनाती रही। रावत मिलिट्री ऑपरेशंस डायरेक्टोरेट में वे जनरल स्टाफ ऑफिसर ग्रेड 2 रहे। लॉजिस्टिक स्टाफ ऑफिसर, कर्नल मिलिट्री सेक्रेटरी, डिप्यूटी मिलिट्री सेक्रेटरी, जूनियर कमांड विंग में सीनियर इंस्ट्रक्टर जैसे कई पदों पर भी रहे।
ऊंची चोटियों की लड़ाई में बिपिन रावत को महाराथ हासिल थी और दुर्दांत इलाकों में उन्होंने आतंकवाद व उग्रवादी गतिविधियों से निपटने के लिए कई ऑपरेशन चलाए। बिपिन रावत को काउंटर इंसर्जेंसी का विशेषज्ञ माना जाता था।
नॉर्थ ईस्ट में चीन से सटे लाइन ऑफ एक्चुएल कंट्रोल पर उन्होंने एक इंफैंट्री बटालियन को कमांड किया। वहीं, कश्मीर घाटी में राष्ट्रीय राइफल्स और इंफैंट्री डिवीजन के वे कमांडिंग ऑफिसर रहे।
उन्होंने पूर्वोत्तर में आतंकवाद को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिसमें उनके करियर के मुख्य पड़ाव के तौर पर 2015 में म्यांमार में एनएससीएन-के आतंकवादियों द्वारा घात लगाकर किए गए हमले के लिए भारतीय सेना की सफल प्रतिक्रिया देखी जाती है। रावत के दिशानिर्देशों में इस मिशन को दीमापुर बेस्ड III कॉर्प्स स्थित ऑपरेशन कमांड से अंजाम दिया गया था।
इसके अलावा बिपिन रावत 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक की योजना में भी शामिल थे, जिसमें भारतीय सेना ने एलओसी को पार करके पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में प्रवेश किया था। बताया जाता है कि उस ऑपरेशन के दौरान रावत नई दिल्ली के साउथ ब्लॉक से पूरे हालात पर नजर रख रहे थे।
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