बॉलीवुड अभिनेत्री पत्रलेखा पॉल अपनी फिल्म 'सिटीलाइट्स' के दौरान अपने को-स्टार के बेहद करीब आ गई थी। पत्रलेखा और उनके कोस्टार राजकुमार राव का अफेयर हो गया था। फिल्म के बाद भी दोनों एक दूसरे को डेट कर रहे हैं।

पत्रलेखा का जन्म 20 फरवरी, 1990 में मेघालय के शिलांग में हुआ था। इनके पिता चार्टेड ऑकउंटैंट हैं वह चाहते थे कि उनकी बेटी भी इसी प्रोफेशन में आगे जाए। लेकिन पत्रलेखा को अभिनय में दिलचस्पी थी, जिसके चलते वह मुंबई आ गयीं।


फिल्मों की ओर उनका रूझान बचपन से था। बंगाली होने के कारण घर में फिल्मी माहौल हमेशा से रहा। वे बचपन से ही फिल्में देखती आ रही हैं। उसी समय से उन्होंने फिल्मों में आने का सोंच रखा था। स्कूल के दिनों में वे थिअटर करती थी। वहीं जब मुंबई आई तब धीरे-धीरे रास्ता बनता चला गया।


ऐक्टिंग में अपने सफर की शुरआत के बारे में उन्होंने बताया था कि ‘मेरा एक क्लासमेट पार्ट-टाइम कास्टिंग डायरेक्टर था। ऐसे ही एक बार बातचीत के दौरान मैंने उससे कहा कि मुझे भी ऐक्टिंग करनी है। तब उसके कहा कि ठीक है। तुम अपनी फोटोज खिंचवा लो। उसने कुछ को-ऑर्डिनेटर्स के नंबर दिए। इसी बीच वह मेरे लिए एक ऐड फिल्म लेकर आया, जिसके लिए मुझे 5 हजार रुपये मिले थे। उस समय यह मेरे लिए बड़ी बात थी। इसके बाद और ऑडिशंस के लिए कॉल आते गए। फिर मुझे फिल्मों के कॉल आना शुरू हो गए, लेकिन फिल्म का ऑडिशन और ऐड का ऑडिशन बहुत अलग होता है। फिल्म की ऐक्टिंग अलग होती है, इसलिए मैंने पहले कुछ ऐक्टिंग कोर्स किए। बैरी जॉन के ऐक्टिंग स्कूल में गई। फिर दो-तीन और वर्कशॉप्स में गई। उसके बाद फिल्मों में आई।’

पत्रलेखा ने अपने करियर की शुरुआत निर्देशक हंसल मेहता की फिल्म 'सिटी लाइट्स से की थी। इस फिल्म में उनके अपोजिट राजकुमार राव नज़र आए थे। फिल्म को क्रिटिकली बेहद पसंद किया गया था। फिल्म के गाने भी बेहतरीन थे।


फिल्म 'सिटीलाइट्स' में एक जोड़े के रूप में नजर आने के बाद से राजकुमार और पत्रलेखा रिलेशनशिप हैं। दोनों वेब श्रृंखला 'बोस: डेड/अलाइव' में भी काम कर चुके हैं।


अपनी पहली फिल्म सिटी लाइट के निर्माता हंसल मेहता को अपना गुरु मानती हैं। वे किसी भी फिल्म को साइन करने से पहले या किसी प्रोजेक्ट के लिए हामी भरने से पहले हंसल से ज़रूर राय लेती हैं। फिल्म 'सिटी लाइट' में निभाए अपने किरदार के लिए समीक्षकों से तारीफ बटोरने वाली अदाकारा पत्रलेखा का मानना है फिल्म की शूटिंग उनके लिए फिल्म स्कूल की तरह है।

साल 2016 में आई फिल्म 'लव गेम्स' में पत्रलेखा बिल्कुल अलग-अलग अंदाज में नजर आईं थी। इस फिल्म पत्रलेखा ने बहुत ही बोल्ड किरदार निभाया था। इस फिल्म को दर्शकों ने बिल्कुल पसंद नहीं किया। खुद पत्रलेखा मानती हैं कि उन्हें वह फिल्म नहीं करनी चाहिए था।
वहीं इस साल अभय देओल के साथ पत्रलेखा 'नानू की जानू' में काम कर रही हैं। इस फिल्म की कहानी बहुत ही प्यारी और मजेदार है। यह एक कॉमिडी फिल्म है।

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