संविधान पूरे भारत देश में लागू है लेकिन यह बात किसी को नहीं पता है कि देश में एक इलाका ऐसा भी है जहां संविधान लागू नहीं होता है। यहां किसी भी तरह के कोई नियम कानून लागू नहीं होते हैं। यहां तक की राष्ट्रपति का शासन और उनके आदेश भी यहां लागू नहीं होते हैं। देश में राज्य झारखंड़ के कुछ इलाके हैं जिन पर संविधान लागू नहीं होता है और यहां के लोग संविधान को नहीं मानते हैं। वह स्थानीय कानून के नियमों से काम काज करते हैं।

हैरानी की बात तो यह है कि इस राज्य में कुछ गांव ही संविधान को मानते हैं। देश का कानून नहीं बल्कि ग्राम सभा के कानून लागू होता है। बता दें कि ये कानून राजधानी रांची से सटे चार जिलों के 34 गांवों में हैं। खास बात यह है कि इन गांवों की सीमा में बिना इजाजत कोई प्रवेश तक नहीं कर सकता है। फिर चाहे वह प्रधानमंत्री हों या मुख्यमंत्री। यहां तक की  राष्ट्रपति को भी यहां आने के लिए इजाजत लेनी पड़ती है।


ग्राम सभा इजाजत देती है तभी राष्ट्रपति या और नेता प्रवेश कर सकते हैं। बता दें कि इन गांवों में अफीम की भी खेती की जाती है लेकिन पुलिस इन पर कार्यवाही नहीं कर सकती है और ना ही कोई धारा लगा सकती है। ग्राम सभा ने अपनी सीमा पर बैरेकेडिंग रखे हुए हैं जिसे स्थानीय भाषा में पत्थलगड़ी कहते हैं यानी पत्थर गाड़कर वहां गांव की सीमा रेखा बनाई गई है। हैरानी की बात है कि पत्थलगड़ी के लोगों ने अपने स्तर से स्कूल खोल कर बच्चों को गैर कानूनी शिक्षा दे रहे हैं और ग्रामीणों को आंदोलन के लिए उकसाते हैं।