अगर आपको भी नए-नए नंबर के सिम कार्ड (buying new number SIM cards) खरीदने का शौक है या आप कुछ-कुछ समय में अपना नंबर बदलते रहते हैं, तो आपके लिए एक नई मुश्किल खड़ी होने वाली है। हो सकता है कि जल्द ही आपके (your SIM card will get deactivated and stop working completely) सिम कार्ड डीएक्टिवेट हो जाएं और पूरी तरह से काम करना बंद कर दें। जी हां, दूरसंचार विभाग का नया फैसला आपको परेशानी में डाल सकता है। 

दरअसल, दूरसंचार विभाग (DoT) ने पूरे भारत में नौ कनेक्शन से अधिक (जम्मू और कश्मीर, पूर्वोत्तर और असम के मामले में छह कनेक्शन) रखने वाले ग्राहकों के सिम को रि-वेरिफाई करने और नॉन-वेरिफिकेशन के मामले में डिस्कनेक्ट करने का आदेश जारी किया है।

7 दिसंबर को जारी आदेश के मुताबिक, सब्सक्राइबर्स को उस कनेक्शन को चुनने का विकल्प दिया जाएगा, जिसे वे अपने पास रखना चाहते हैं और बाकी कनेक्शन को डीएक्टिवेट करना चाहते हैं। डीओटी आदेश में कहा गया है- "यदि डीओटी द्वारा किए गए डेटा विश्लेषण के दौरान, यह पाया जाता है कि एक ग्राहक के पास सभी टेलीकॉम कंपनियों में नौ से अधिक मोबाइल कनेक्शन (जम्मू-कश्मीर, पूर्वोत्तर और असम के मामले में छह) हैं, तो मोबाइल कनेक्शन को रि-वेरिफाई करने के लिए चिह्नित किया जाएगा।" 

दरअसल दूरसंचार विभाग से यह आदेश फाइनेंशियल क्राइम, फेक और ऑटोमेटेड कॉल्स और धोखाधड़ी की घटनाओं की जांच करने के लिए आया है। DoT ने टेलीकॉम ऑपरेटरों से उन सभी फ़्लैग किए गए मोबाइल कनेक्शन को डेटाबेस से हटाने के लिए कहा है जो नियम के अनुसार उपयोग में नहीं हैं।

- "फ्लैग्ड मोबाइल कनेक्शन की आउटगोइंग (डेटा सर्विसेस सहित) सुविधाओं को 30 दिनों के भीतर सस्पेंड कर दिया जाएगा" और "इनकमिंग सर्विस को 45 दिनों के भीतर बंद कर दिया जाएगा" यदि ग्राहक वेरिफिकेशन के लिए आता है और सरेंडर करने के अपने विकल्प का प्रयोग करता है, तो उसे डिसकनेक्ट मोबाइल कनेक्शन ट्रांसफर कर दिया जाएगा।

- यदि कोई ग्राहक वेरिफिकेशन के लिए नहीं आता है, तो फ़्लैग किए गए नंबर को 60 दिनों के भीतर डीएक्टिवेट कर दिया जाएगा, जिसकी गणना 7 दिसंबर से की जाएगी।

- ऐसे ग्राहक, जो अंतरराष्ट्रीय रोमिंग पर हैं या शारीरिक अक्षमता या अस्पताल में भर्ती हैं, उन्हें वेरिफिकेशन के लिए अतिरिक्त 30 दिन प्रदान किए जाएंगे।

- हालांकि, अगर किसी भी कानून प्रवर्तन एजेंसियों या वित्तीय संस्थान द्वारा नंबर को चिह्नित किया गया है या एक अजीब कॉलर के रूप में पहचाना गया है, तो आउटगोइंग सुविधाएं 5 दिनों के भीतर निलंबित कर दी जाएंगी, 10 दिनों के भीतर इनकमिंग और 15 दिनों के भीतर नंबर पूरी तरह से डिस्कनेक्ट कर दिया जाएगा, यदि कोई वेरिफिकेशन के लिए नहीं आता है।

ऐसे चेक करें आपके नाम पर कितने सिम कार्ड रजिस्टर्ड हैं:

दूरसंचार विभाग (DoT) ने एक पोर्टल लॉन्च किया है, जिसके इस्तेमाल से आप यह चेक कर सकते हैं कि एक आधार कार्ड पर कितने मोबाइल नंबर रजिस्टर्ड हैं।  इस टूल की मदद से, कोई भी व्यक्ति अनऑथराइज्ड एक्टिव सिम कार्ड नंबरों से आसानी से छुटकारा पा सकता है जिनका वे वास्तव में उपयोग नहीं कर रहे हैं। 

आप इन स्टेप्स को फॉलो कर ये चेक कर सकते हैं कि आपके आधार कार्ड पर कितने सिम कार्ड रजिस्टर्ज हैं:

स्टेप-1: tafcop.dgtelecom.gov.in पर जाएं। अपना मोबाइल नंबर दर्ज करें और “Request OTP” पर क्लिक करें।

स्टेप-2: अब आपको 6 अंकों का वन-टाइम पासवर्ड (ओटीपी) प्राप्त होगा। OTP दर्ज करें और “Validate” पर क्लिक करें।

स्टेप-3: अगले पेज पर आपको आधार नंबर पर रजिस्टर्ड सभी मोबाइल नंबर दिखाई देंगे।

स्टेप-4: यदि आप कोई ऐसा नंबर देखते हैं जो आपकी नहीं हैं, या आप उपयोग नहीं करना चाहते हैं, तो बस नंबर के आगे एक टिक लगाएं और "Report" पर क्लिक करें। यदि सभी नंबर आपके हैं, और आप उनका उपयोग जारी रखना चाहते हैं, तो किसी कार्रवाई की आवश्यकता नहीं है।

स्टेप-5: मौजूदा गाइडलाइन्स के तहत, एक ग्राहक को नौ मोबाइल कनेक्शन रखने की अनुमति है। जिनके पास एक आधार पर नौ से अधिक नंबर होंगे, उन्हें एक एसएमएस भेजा जाएगा। स्टेप नंबर 4 को फॉलो कर अतिरिक्त कनेक्शनों को नियमित किया जा सकता है।