/fit-in/640x480/dnn-upload/images/2023/02/01/Indian-budget-nirmala-sitharaman-1675241658.png)
नई दिल्ली। केंद्र सरकार में वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने बजट पेश किया है. यह मोदी सरकर के दूसरे कार्यकाल का पूर्ण बजट है. इस बजट में सभी सेक्टर्स को लेकर कई एलान किए गए हैं जिनमें इंडियन रेलवे भी शामिल है. सरकार की तरफ से रेलवे को कुल 2.4 लाख करोड़ रुपये दिए गए हैं. ऐसे में हम आपको रेलवे के उन बड़े प्रोजेक्ट्स के बारे में बता रहे हैं जिनका काम चल रहा है आने वाले कुछ महीनों और सालों में पूरे होने वाले हैं और उनका करोड़ों लोगों को फायदा मिलेगा. तो जानिए...
दुनिया के इन 12 देशों में नहीं देना पड़ता इनकम टैक्स, एक तो भारत का है खास पड़ौसी
दुनिया का सबसे ऊंचा सिंगल-आर्क रेलवे पुल
भारत सरकार द्वारा चिनाब नदी पर दुनिया का सबसे ऊंचा सिंगल-आर्क रेलवे पुल बनाया जा रहा है. आपको बता दें कि चिनाब नदी रेलवे ब्रिज उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक परियोजना का ही हिस्सा है. 9.2 करोड़ डॉलर के बजट वाली 1.3 किलोमीटर लंबी यह परियोजना कश्मीर बाकी भारत से रेल के माध्यम से जोड़ेगी. जान लें कि चिनाब रिवर रेलवे ब्रिज एफकॉन्स इंफ्रास्ट्रक्च र (इंडिया), वीएसएल इंडिया और दक्षिण कोरिया की अल्ट्रा कंस्ट्रक्शन एंड इंजीनियरिंग कंपनी संयुक्त उपक्रम है. यह रेल के जरिए शेष भारत से कश्मीर पहुंचने की तरफ एक बड़ा कदम है.
दिल्ली से मेरठ के बीच रैपिड ट्रेन का परिचालन
2025 में दिल्ली से मेरठ के बीच रैपिड ट्रेन का परिचालन किया जाएगा. इस पूरे रेलवे कॉरिडोर को 3 चरणों में पूरा किया जाना प्रस्तावित है. इसका पहला चरण साहिबाबाद से दुहाई डिपो के बीच 17 किलोमीटर लंबा है. इस चरण पर रैपिड रेल इसी साल मार्च शुरू किया जाना है. इस चरण पर ट्रैक कार्य पूरा कर लिया गया है. मार्च 2023 से ट्रेन दुहाई डिपो से साहिबाबाद के बीच यात्रियों के लिए दौड़ेगी.
मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना
गुजरात के 8 जिलों और दादरा और नगर हवेली से गुजरने वाले इस बुलेट ट्रेन ट्रेक का निर्माण कार्य चल रहा है. बुलेट ट्रेन परियोजना ने हाल ही में फिर से शुरूआत की है. इस परियोजना में महाराष्ट्र भी शामिल है. खबर है कि यह परियोजना 2027 में पूरी हो सकती है.
बइरबी-साईरंग नई लाइन रेल परियोजना
पूर्वोत्तर राज्य मिजोरम को देश के अन्य हिस्सों से जोड़ने के लिए बइरबी-साईरंग लाइन रेलवे परियोजना चल रही है. यह परियोजना के पूरी होने के बाद देश के उत्तर-पूर्वी क्षेत्र विशेष तौर पर मिजोरम में संचार और व्यापार के मामले में एक नए युग की शुरूआत की जाएगी. बैराबी-सैरांग परियोजना का लक्ष्य पूर्वोत्तर भारत में अतिरिक्त 51.38 किमी रेलवे ट्रैक बनाना है.
भालुकपोंग-तवांग लाइन परियोजना
भालुकपोंग-तवांग लाइन पूर्वोत्तर के लिए चल रही उन महत्वपूर्ण परियोजनाओं में से एक है जोउस क्षेत्र में सेना की व्यापक जरूरतों को पूरा करते हुए सामरिक महत्व का होगा. इस क्षेत्र में चीन के साथ तनाव बढ़ा हुआ है. इस प्रस्तावित रेल लाइन में कई सुरंगें होंगी और ये 10,000 फुट से अधिक ऊंचाई वाले स्थानों पर बनेंगी.
फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब पर हमसे जुड़ें |