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कोरोना महामारी (Corona epidemic) के दौर में जहां देश इससे राहत पाने की कोशिश में जुटा हुआ है, वहीं अब डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया ( Dengue, malaria and chikungunya) जैसी गंभीर बीमारियों के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं. देश भर में कई राज्य इस समय ऐसी बीमारियों की चपेट में हैं.
मरीजों की संख्या बढऩे पर राज्यों ने इन बीमारियों का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने भी शुरू कर दिए हैं. डेंगू जैसी बीमारियों के फैलने से कोविड महामारी के दौरान स्वास्थ्य सुविधाओं पर अधिक बोझ पड़ सकता है.
डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया (Dengue, malaria and chikungunya) वेक्टर ब्रोन डिजीज हैं जो कि मच्छर और दूसरी कीड़े (Bites of mosquitoes and other insects) के काटने से फैलते हैं. इन बीमारियों का मुख्य कारण मच्छर ही माने जाते हैं. डेंगू फैलाने वाले मच्छर (Dengue are different from normal mosquitoes) सामान्य मच्छरों से अलग होते हैं, जो कि मानसून के दौरान एक जगह पर पानी के भर जाने पर पनपते हैं.
डेंगू का बुखार मच्छर के काटने से डेंगू वायरस के कारण होता है. डेंगू एडीज मच्छर (Dengue fever is caused by the dengue virus through mosquito bites) काटने से फैलता है. यह एक ऐसी बीमारी है कि इसमें पीडि़त व्यक्ति में शुरुआत में कोई लक्षण नहीं दिखते. सीडीसी के अनुसार डेंगू से संक्रमित 75 प्रतिशत ऐसे लोग होते हैं जिसमें कोई लक्षण पता नहीं चलते, जबकि 20 प्रतिशथ लोगों में शुरुआत में इसके लक्षण प्रतीत होते हैं जबकि 5 प्रतिशत ऐसे लोग होते हैं जिनमें शुरुआत में ही गंभीर लक्षण देखने को मिल जाते हैं. इन पांच प्रतिशत लोगों के लिए डेंगू जानलेवा हो सकता है. अगर सही समय पर डेंगू का इलाज किया जाए तो इससे मृत्यु दर को कम किया जा सकता है.
मलेरिया- मलेरिया की बीमारी मादा एनोफिलीज मच्छरों (Malaria is caused by the bite of female Anopheles mosquitoes) के काटने से होता है. मलेरिया से पीडि़त व्यक्ति को तेज बुखार आता है और यह एक जानलेवा बीमारी भी है. अगर सही समय पर इसका इलाज किया जाए तो इससे बचा जा सकता है.
एक रिपोर्ट के अनुसार 2019 में लगभग 23 करोड़ लोग मलेरिया से पीडि़त हुए थे और लगभग 4 लाख लोगों की इससे मौत हुई थी. भारत में पिछले कुछ समय में मलेरिया के मरीजों में गिरावट दर्ज की गई है.
चिकनगुनिया - चिकनगुनिया (Chikungunya ) भी एक वायरल बीमारी है जो कि संक्रमित मच्छरों द्वारा मनष्यों में फैलता है. एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चिकनगुनिया के मच्छर सामान्यत: मनुष्य को दिन में काटते हैं. इस बीमारी से पीडि़त होने वाले व्यक्ति में बुखार, जोड़ों में दर्द, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द जैसे लक्षण (Symptoms like fever, joint pain, headache, muscle pain) पाए जाते हैं.
डेंगू के मरीजों की संख्या राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में तेजी से बढ़ रही है. इस बीच स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन (Health Minister Satyendar Jain) ने गुरुवार को कहा कि दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में डेंगू के मरीजों के इलाज के लिए सरकार सभी आवश्यक कदम उठा रही है और पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं. स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी कहा कि दिल्ली के अस्पतालों में आने वाले डेंगू के ज्यादातर मरीज बाहर के हैं.
जैन की यह टिप्पणी राष्ट्रीय राजधानी के सफदरजंग अस्पताल और राम मनोहर लोहिया अस्पताल में डेंगू के मरीजों के लिए बेड की कमी की खबरों के बीच आई. उन्होंने कहा कि दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में डेंगू के मरीजों के लिए हमारे पास पर्याप्त इंतजाम हैं. किसी भी मरीज को वापस नहीं किया जा रहा है.
तमिलनाडु में भी डेंगू के मरीज सामने आ रहे हैं. यहां एक बच्चे समेत कुल चार लोग डेंगू से संक्रमित पाए गए. इन सभी लोगों को कोयंबटूर मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है. अस्पताल के डीन डॉ एन निर्मला ने गुरुवार को कहा कि जिले में भारी बारिश के बाद बुखार और खांसी के लक्षणों के साथ कई लोग सीएमसीएच में उतर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मलेरिया और वायरल बुखार के लक्षणों वाले 80 मामले पहले ही सामने आ चुके हैं.
उत्तर प्रदेश- उत्तर प्रदेश सरकार इन बीमारियों को लेकर काफी सचेत हैं और अब डब्ल्यूएचओ द्वारा अनुशंसित समिति की ट्रेस टेस्ट-ट्रीट की रणनीति के अनुसार डोर टू डोर ऐसे लोगों की पहचान की जा रही है जो एंफ्लूएंजा जैसी बीमारी से पीडि़त है. समितियों को राज्य में डेंगू, हैजा, डायरिया और मलेरिया जैसी बीमारियों के प्रसार की जांच करने का भी आदेश दिया गया है.
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