देशभर में एक बार फिर कोरोना वायरस ( Coronavirus ) के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। ओमिक्रॉन वैरिएंट ( Omicron Variant ) की दस्तक के बाद से ही देश में तीसरी लहर को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं। जानकारों की मानना है कि इस वक्त नहीं संभले तो ये आने वाले दिनों में तीसरी लहर का बड़ा कारण बन सकता है। 

यही वजह है कि केंद्र सरकार भी कोरोना के बढ़ते केसों को देखते हुए कई कड़े कदम उठा रही है। इसी कड़ी में केंद्र ने 10 राज्यों को एक चिट्ठी लिखी, जिसमें नाइट कर्फ्यू समेत जरूरी कदम उठाए जाने को कहा गया है।

दरअसल कोरोना वायरस के नए मामले भले ही कुछ राज्यों में राहत दे रहे हैं, लेकिन कुछ प्रदेशों के आंकड़े भी डरा रहे हैं। ऐसे में केंद्र स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण (Union Health Secretary Rajesh Bhushan) ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के सचिवों/प्रशासकों को पत्र लिखकर अहम निर्देश दिए हैं।

केंद्र स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के सचिवों/प्रशासकों को पत्र लिखकर जिन जिलों में तेजी से कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं, उन पर नजर रखने को कहा है। दरअसल 10 राज्यों के 27 जिले ऐसे हैं जहां कोरोना के मामलों में उतार-चढ़ाव लगातार देखने को मिल रहा है। ऐसे में इन जिलों को लेकर विशेष ध्यान रखने को कहा गया है।

भूषण ने सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों/प्रशासकों को लिखा है कि 10 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के 27 जिलों में पिछले दो हफ्तों से कोविड के अधिक संख्या में मामले रिपोर्ट किए जा रहे हैं।

ऐसे में इन जिलों पर बहुत ही बारीकी से नजर रखने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि कोविड कलस्टर के मामले की पहचान होने पर रणनीतिक उपाय करने होंगे।

इन पाबंदियों को करें लागू

भूषण ने कहा कि जरूरत पड़ने पर नाइट कर्फ्यू दोबारा लगाया जाए। इसके अलावा लोगों के इकट्ठा होने पर बैन लगाना, विवाह और अंतिम संस्कार में शामिल होने वाले लोगों की संख्या को कम करना जैसे कदमों को जरूरत पड़ने पर तुरंत उठाया जाए।

इन दो राज्यों में अब भी मुश्किल

कोरोना की पहली और दूसरी लहर के बाद से अब तक देश के दो राज्य काफी संघर्ष कर रहे हैं। ये दो राज्य हैं केरल और महाराष्ट्र।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि पिछले 14 दिनों में 10,000 से कम कोरोना केस सामने आए हैं, लेकिन केरल और महाराष्ट्र में एक्टिव केस की संख्या अधिक हैं। जहां केरल में 43 फीसदी एक्टिव केस हैं तो महाराष्ट्र में ये संख्या 10 फीसदी पर है।