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नई दिल्ली। पंजाब के अमृतसर के अजनाला में हाथों में बंदूकें और तलवारे लेकर पुलिस थाने पर हमला करने वाले खालिस्तानी कोई छोटी मोटी चीज नहीं। बल्कि खालिस्तान और अमृतपाल सिंह भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए एक 'तूफान' हैं. हाल ही में 'वारिस पंजाब दे' संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह और उसके समर्थकों ने अपने व्यक्ति लवप्रीत तूफान की रिहाई को लेकर थाने पर हमला बोला है. इसके बाद तूफान को बेगुनाह बताते हुए पुलिस ने रिहा कर दिया.
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सरेआम उठाया खालिस्तान का मुद्दा
अमृतपाल सिंह ने थाने पर हमला कर सरेआम खालिस्तान के मुद्दे को उठाया है. उसने कहा है कि खालिस्तान के मामले को बहुत ही शांतिपूर्ण तरीके से आगे बढ़ाया जा रहा है. अमृतपाल ने कहा कि हमें कोई नहीं रोक सकता, चाहे वो पीएम मोदी हों, अमित शाह हों या भगवंत मान हों.
इंदिरा गांधी को जान देकर चुकानी पड़ी कीमत
हालांकि, यह पहला मौका नहीं है जब इस तरह से खालिस्तान का मामला सामने आया है. बल्कि कुछ ही समय पहले कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन में भी खालिस्तानी आंदोलन देखने को मिले हैं. अमृतपाल ने यह भी कहा कि पूर्व पीएम इंदिरा गांधी को भी खालिस्तान का विरोध करने की कीमत चुकानी पड़ी थी. गौरतलब है कि खालिस्तानी आंतकियों द्वारा स्वर्णमंदिर में शरण लेने की वजह उस पर सेना द्वारा कार्रवाई की गई थी. इसके बाद इंदिरा गांधी की हत्या दो सिक्ख सुरक्षाकर्मियों द्वारा कर दी गई थी.
इन देशों में एक्टिव है खालिस्तान
आपको बता दें कि खालिस्तान सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के कई देशों में सक्रिय है. कनाड़ा, यूके, ऑस्ट्रेलिया, दुबई, पाकिस्तान समेत दुनिया के कई देशों में ये एक्टिव है. इनमें से कई देशों में हाल ही में हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ करने समेत लोगों पर भी हमले किए जाने की घटनाएं सामने आई थीं.
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ये है अमृतपाल का दुबई कनेक्शन
आपको बता दें कि अमृतपाल सिंह 2012 से ही दुबई में रह रहा था. वहां वो ट्रांसपोर्ट का कारोबार कर रहा है. इतना ही नहीं बल्कि उसके ज्यादातर रिश्तेदार दुबई में रहते हैं. अमृतपाल 12वीं तक पढ़ा है. हाल ही में वो भारत आया है. वो वारिस पंजाब दे संगठन का प्रमुख है जिसको अभिनेता दीप सिद्धू ने बनाया था. दीप सिद्धू की पिछले साल फरवरी में सड़क हादसे में मौत हो गई थी. दीप सिद्धू की मौत के बाद अमृतपाल सिंह ने संगठन की कमान संभाली.
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