सोमवार को सेंसेक्स (Sensex ) करीब 949 अंक गिरा था और आज मंगलवार को सेंसेक्स 886 अंक चढ़कर बंद हुआ है. दिन के कारोबार में एक ऐसा भी समय आ गया जब सेंसेक्स में 1100 अंकों से भी अधिक की तेजी आ गई. आइए जानते हैं आज शेयर बाजार में तगड़ी तेजी की क्या वजहें रहीं.

इन दिनों शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है. हफ्ते के पहले ही दिन सेंसेक्स एक समय पर 1000 अंक से भी अधिक गिर गया था, लेकिन अंत में 949 अंक गिरकर बंद हुआ. आज मंगलवार को शेयर बाजार ने उल्टा ट्रेंड दिखाया और तेजी से ऊपर की ओर भागने लगा. देखते ही देखते सेंसेक्स में तेजी 1100 प्वाइंट से भी ऊपर पहुंच गई. 

अंत में सेंसेक्स 886 अंकों की तेजी के साथ 57,633 अंकों के स्तर पर बंद हुआ, जो कल शाम को 56, 747 अंकों पर बंद हुआ था. निफ्टी भी 264 अंकों की तेजी के साथ 17,176 अंकों पर बंद हुआ. आइए जानते हैं आखिर किन वजहों से आज शेयर बाजार में शानदार तेजी देखने को मिली.

चीन ने बैंकों में पड़े कैश को लेकर एक बड़ा कदम उठाया है. सोमवार को चीन ने कहा कि बैंकों में पड़े कैश रिजर्व की सीमा को कम किया जाएगा. यानी बैंक अपने रिजर्व में कम पैसे रख सकेंगे. इसका मतलब हुआ कि इससे बाजार में लिक्विडिटी बढ़ेगी, जिससे अर्थव्यवस्था को तेजी मिलेगी. चीन की तरफ से अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए इस साल दूसरी बार ऐसा कदम उठाया गया है. चीन के इस फैसला का भी शेयर बाजार पर सकारात्मक असर पड़ा है.

जब से कोरोना वायरस का नया वैरिएंट ओमिक्रोन (corona virus Omicron) सामने आया है, तब से शेयर बाजार में एक (uncertainty in the stock market) अनिश्चितता देखी जा रही है. लोगों में एक डर देखा जा रहा है, जिसका सीधा असर शेयर बाजार पर पड़ रहा है. अमेरिका में एक ( Omicron has spread to a third of the states in America) तिहाई राज्यों तक ओमिक्रोन फैल चुका है, लेकिन अधिकतर कोरोना के मरीज डेल्टा वर्जन से पीडि़त हैं. इसी बीच अमेरिका के दिग्गज डॉक्टर एंथनी फॉसी (America's veteran doctor Anthony Fauci) ने सीएनएन को दिए बयान में कहा है कि ओमिक्रोन अधिक खतरनाक नहीं लग रहा है. उनके इस बयान से लोगों की उम्मीदें मजबूत हुई हैं और शेयर बाजार में तेजी देखी जा रही है.

ओमिक्रोन (Omicron) को लेकर लोगों की चिंता तो कम हुई ही है, सोमवार को अमेरिकी डॉलर भी प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले काफी हद तक मजबूत हुआ है. डॉलर की मजबूती देखते हुए निवेशकों का इस बात पर भरोसा और मजबूत हो गया है कि कोरोना वायरस का ओमिक्रोन वैरिएंट अधिक खतरनाक नहीं है. ऐसे में डॉलर की मजबूती का सीधा असर दुनिया भर के शेयर बाजारों पर देखा जा रहा है.