लद्दाख क्षेत्र में कोंग्का दर्रा, जहां कई बार एलियंस के दिखाई देने की बात कही जा चुकी है। हालांकि इस जगह पर काफी विवाद है। भारत का मानना है कि ये उसकी सीमा में आता है, जबकि चीन इसपर अपना दावा करता है। इसे ही लेकर1959 में भारत-चीन युद्ध की शुरुआत से पहले भारत के सैन्य दस्ते पर दर्रे के पास मौजूद चीनी सैनिकों ने हमला बोल दिया था, जिसमें 10 भारतीयों की मौत हो गई, जबकि 7 भारतीय सैनिकों को चीनी सरकार ने गिरफ्तार कर लिया। 

इसके बाद से चीन-भारत तनाव काफी बढ़ गया। इस घटना ने भी दोनों देशों के बीच युद्ध में अहम भूमिका निभाई। बाद में एक समझौता किया गया, जिसके तहत कोंग्का ला में दोनों देशों में से कोई भी पेट्रोलिंग के लिए आता-जाता नहीं है। वहीं इसके उत्तरपूर्व का हिस्सा चीन की ओर है, जिसे अक्साई चीन नाम दिया गया, जबकि उसके उल्टी तरफ का हिस्सा भारत के लद्दाख की ओर फैला हुआ है। 

इस निर्जन पड़े क्षेत्र में बीते सालों में कई बार उड़न तश्तरी जैसी चीजें दिखी हैं। चूंकि ये क्षेत्र पूरी तरह से नो-मेन्स लैंड बना हुआ है और चारों तरफ से दुर्गम पहाड़ों से घिरा है इसलिए इस बात की पुष्टि साइंटिस्ट भी नहीं कर पा रहे हैं कि इसमें कितनी सच्चाई है और कितना हिस्सा अफवाह है। वैसे यूएफओ से जुड़ी यहां कई घटनाएं दर्ज की गई हैं, जैसे साल 2004 में यहां कुछ भारतीय भूविज्ञानी खोज कर रहे थे। इस दौरान वहां रोबोट जैसा कुछ स्ट्रक्चर दिखा, जो पहाड़ों पर चल रहा था। जैसे ही वैज्ञानिक पास पहुंचे, वो गायब हो गया। 

साल 2012 में भारतीय सेना ने Pangong Lake के ऊपर एक रिबननुमा ऑब्जेक्ट को उड़ता देखा। इसे समझने के लिए आर्मी ने जैसे ही रडार का इस्तेमाल किया, वो दिखना बंद हो गया, जबकि पहले खुली आंखों से भी दिखाई दे रहा था। गूगल अर्थ की इमेजरी में भी कोंग्का दर्रे के आसमान में कोई अजीब चीज कई बार दिखी है।