'असम के कमर जमां के हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल होने का कोई सबूत नहीं '

- आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन ने दावा किया था कि असम निवासी कमर उज जमां संगठन में शामिल हो गया है। हिजबुल ने सोशल मीडिया के जरिए यह दावा किया था।
श्रीनगर।
आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन ने दावा किया था कि असम निवासी कमर उज जमां संगठन में शामिल हो गया है। हिजबुल ने सोशल मीडिया के जरिए यह दावा किया था। हालांकि जम्मू कश्मीर पुलिस को कमर के हिजबुल में शामिल होने का अभी तक कोई ठोस सबूत नहीं मिला है। जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक ए.पी.वैद ने कहा है कि इस बात का कोई ठोस सबूत नहीं है कि लापता हुआ कमर उज जमां आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल हो गया है। वैद ने कहा कि सोशल मीडिया पर वायरल हुई तस्वीर की हमनें जांच शुरू कर दी है।
मुद्दा यह है कि तस्वीर के साछ छेड़छाड़ भी की जा सकती है। अभी तक की हमारी जांच में कमर उज जमां के कश्मीर में किसी आतंकी संगठन से संबंध स्थापित नहीं हुए हैं। वहीं जम्मू कश्मीर पुलिस की आतंकवाद निरोधी सेल का कहना है कि केस को क्रेक करने के लिए हिजबुल मुजाहिदीन के हाल ही में गिरफ्तार किए गए सदस्यों और ग्राउंड वर्कर्स से पूछताछ की जा रही है। अधिकारी ने कहा कि असम निवासी कमर उज जमां के आतंकवाद में शामिल होने का पहला अलर्ट सोशल मीडिया से आया था। सोशल मीडिया में जो तस्वीर तैर रही है उसमें कमर उज जमा जो होजई जिले के जमुनामुख कस्बे का निवासी है, को गन के साथ दिखाया गया है।
कैप्शन में उसके हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल होने की बात कही गई है। इस बीच जमां के परिवार, जो असम में रहता है, का दावा है कि कमर उज जमां दो साल से जम्मू कश्मीर में काम कर रहा था, पिछले साल जुलाई में वह गायब हो गया। कमर की मां ने कहा, अगर वह जिहादी ग्रुप में शामिल हो गया है तो उसे जिंदा रहने का कोई अधिकार नहीं है। मुझे ऐसे बेटे की कोई जरूरत नहीं है। परिवार के सदस्यों ने बताया कि वह 2008 में नौकरी की तलाश में अमरीका गया था। वह वहां चार साल रहा। 2014 में उसने बिजनेस के लिए जम्मू कश्मीर जाने का फैसला किया।