तोगडिय़ा को दिया समर्थन, गुवाहाटी विहिप कार्यकर्ता बैठे अनशन पर

- डॉ. प्रवीण तोगडिय़ा के समर्थन में गुरुवार को विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की नगर कमेटी सदस्यों ने गुवाहाटी के पान बाजार पानी टंकी के पास अनशन किया
गुवाहाटी।
डॉ. प्रवीण तोगडिय़ा के समर्थन में गुरुवार को विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की नगर कमेटी सदस्यों ने गुवाहाटी के पान बाजार पानी टंकी के पास अनशन किया । इस अवसर पर विहिप के सदस्यों ने संसद में कानून बनाकर अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण करने, असम की सीमा सील करने व संविधान की धारा 370-35 ए को रद्द करने, समान नागरिकता संहिता कानून को मजबूत बनाने, युवाओं को रोजगार देने व राज्यवासियों को स्वास्थ्य व सुरक्षा प्रदान करने की मांग की है। इस अवसर पर विहिप के आह्वान पर रंजन वैश्य, तारिणी कांत शर्मा, देवज्योति बोरा के साथ अन्य सदस्यों ने अनशन किया। वैश्य का कहना है कि तोगडिय़ा हिंदुओं, किसानों, युवाओं व देशवासियों के बेहतर भविष्य के लिए अनशन कर रहे थे। उन्होंने बांग्लादेशियों घुसपैठियों को देश से खदेडऩे, किसानों को कर्ज माफ करने, किसानों को लागत से डेढ़ गुना कीमत देने, स्वामी नाथन आयोग लागू करने सहित कई मांग रखी है।
इस बीच अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए संसद में कानून बनाने समेत अन्य मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन अनशन (आमरण अनशन) पर बैठे विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण तोगड़यिा ने तीसरे दिन साधु-संतों के आग्रह पर इसे समाप्त कर दिया। तोगड़यिा ने गत 14 अप्रैल को विहिप के पहले सांगठनिक चुनाव में अपने खेमे की करारी पराजय के बाद ही केंद्र की मोदी सरकार पर अयोध्या में राम मंदिर निर्माण समेत हिन्दुओं के अन्य मुद्दों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए 17 अप्रैल से अनशन पर बैठने की घोषणा की थी। वह यहां पालडी में वाणिकर भवन परिसर में साधु संतों के साथ तीन दिनों से उपवास पर बैठे थे।
मधुमेह के रोगी तोगड़यिा के रक्त शर्करा का स्तर और रक्तचाप बढ़ गया था। साधु संतों के हाथों से फलों का रस पीकर अपना अनशन आज समाप्त कर दिया। ज्ञातव्य है कि तोगड़यिा ने अनशन की शुरूआत के मौके पर अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर कड़ा प्रहार किया था और उन पर हिन्दुओं से वादाखिलाफी का आरोप लगाया था। अनशन को रोकने के लिए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के गुजरात के प्रांत प्रचार चिंतन उपाध्याय समेत तीन शीर्ष नेताओं के आग्रह को तोगड़यिा ने ठुकरा दिया था। इसके बाद भाजपा के प्रदेश कोषाध्यक्ष सुरेन्द्र पटेल ने भी उन्हें समझाने का प्रयास किया था। उनके अनशन को शिवसेना ने भी समर्थन दिया था।