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जिले के दुबहड़ ब्लॉक के बयासी निवासी रंजीत माली को असम क्रिकेट एसोसिएशन द्वारा शुक्रवार एसीए स्टेडियम बरसापारा (असम) को आयोजित वार्षिक सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने रंजीत को 'बेस्ट प्लेयर ऑफ सीजन' का खिताब देते हुए स्मृति चिह्न व पांच लाख का चेक प्रदान कर पुरस्कृत किया है। इस खबर से जिलेवासियों में हर्ष है।
रंजीत फिलहाल असम के रणजी टीम के सदस्य हैं। असम रणजी टीम की बालिंग अटैक के प्रमुख हथियार रंजीत राइट हैंड मीडियम पेस बॉलर हैं। रंजीत ने पिछले रणजी सीजन में असम के लिए कुल 39 विकेट लिए, जिसमें उतराखण्ड के विरूद्ध 10 विकेट, महाराष्ट्र के विरूद्ध 9 विकेट और त्रिपुरा के विरूद्ध 7 विकेट निकालकर रंजीत ने अपनी धारदार गेंदबाजी का लोहा मनवाया ।
1999 से क्रिकेट को अपने जीवन का ध्येय बनाने वाले 31 वर्षीय रंजीत ने अपनी प्रतिभा की बदौलत 2008 में ही असम रणजी टीम में अपनी जगह बना लिए। 2008 से 2010 तक असम के लिए रणजी खेलने वाले रंजीत 2010 से 2017 तक भारतीय रेलवे की टीम का प्रतिनिधित्व भी रणजी ट्राफी में कर चुके हैं। पुन: 2018 से रंजीत असम की रणजी टीम का हिस्सा हैं। अपने फर्स्ट क्लास क्रिकेट करियर में अब तक कुल 49 मैचों में रंजीत ने 26.5 की एवरेज से कुल 169 विकेट हासिल किए हैं।
मूल रूप से जिले के बयासी निवासी रंजीत माली के पिता 80 के दशक में जीविकोपार्जन के लिए असम चले गए। लेकिन अपनी पुश्तैनी घर और अपने गांव की मिट्टी से आज भी रंजीत के पूरे परिवार का गहरा नाता है। माता-पिता के अलावा रंजीत भी अक्सर अपने गांव बयासी आते रहते हैं। पिता लक्ष्मण माली ट्रांसपोर्ट व्यवसायी हैं।
5 नवम्बर 1988 को असम में ही रंजीत का जन्म हुआ और यहीं पर क्रिकेट प्रशिक्षक भवन दावका से रंजीत ने क्रिकेट का ककहरा सीखा। इसके बाद रंजीत ने पीछे मुड़ कर नहीं देखा। वकार युनूस और अजीत आगरकर को अपना आदर्श मानने वाले रंजीत एमआरएफ पेस अकेडमी में डेनिस लीली, एनसीए बैंगलोर में और मनोज प्रभाकर से बालिंग की बारीकियां सीख चुके हैं। रंजीत अपने क्रिकेट करियर में अपनी अब तक की सफलता का पूरा श्रेय माता बिंदा देवी एवं पिता लक्ष्मण माली को देते हैं।
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